नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं को लेकर मोदी सरकार पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार हत्याओं को रोकने और इस पर 'गंदी' राजनीति करने में विफल रही है। केंद्र सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर परिसर में आप (आम आदमी पार्टी) द्वारा आयोजित एक जन आक्रोश रैली में मुख्यमंत्री ने कहा कि घाटी में 1990 का दौर वापस आ गया है।'
केजरीवाल ने घाटी में लक्षित हत्याओं को लेकर केंद्र से अपनी चार मांगे रखी हैं, जिनमें इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करना, कश्मीरी पंडितों के साथ साइन किया हुआ बॉन्ड कैंसिल करना, इनकी सभी मांगों को पूरा करना और इन्हें सुरक्षा मुहैया कराना भी शामिल हैं।
केजरीवाल ने कहा कि जब भी कश्मीर घाटी में किसी की हत्या की जाती है तो गृह मंत्री एक हाईलेवल मीटिंग बुलाते हैं। बहुत हो चुकी बैठक, अब हमें कार्रवाई करने की जरूरत है। कश्मीर को कार्रवाई की जरूरत है।'
रैली को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'इस दौर को कश्मीर के इतिहास में सबसे खराब दौर के रूप में गिना जाएगा। भाजपा लक्षित हत्या की घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से विफल रही है, पूरे कश्मीर में दहशत और आतंक का माहौल है।'
रैली में सांसद संजय सिंह ने कहा कि 1990 के दशक में भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में थी और अब नरेंद्र मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है। दोनों ही समय में कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए 'मजबूर' किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, एक तरफ फिल्म 'कश्मीर फाइल्स' के नाम पर देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, तमाम केंद्रीय मंत्री और सांसद घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं और दूसरी तरफ आज जब कश्मीरी पंडितों को मारा जा रहा है, तो ये सभी सांसद और विधायक कहां हैं, मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं।