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उत्तराखंड में 6 बांग्लादेशियों और उनकी सहायता करने के आरोप में 2 भारतीय गिरफ्तार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

देहरादून , सोमवार, 19 मई 2025 (16:57 IST)
2 arrested for helping Bangladeshis in Uttarakhand : उत्तराखंड (Uttarakhand) में घुसपैठियों की पहचान के लिए जारी सत्यापन अभियान के तहत पुलिस ने देहरादून और हरिद्वार में अवैध रूप से रह रहे 6 बांग्लादेशियों तथा उनकी सहायता करने वाले 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह बिष्ट ने यहां बताया कि एक गोपनीय सूचना के आधार पर विशेष अभियान समूह (एसओजी), स्थानीय अभिसूचना इकाई व क्लेमन्टटाउन थाने से एक संयुक्त टीम ने शनिवार को की गई कार्रवाई के दौरान क्लेमन्टटाउन क्षेत्र में पोस्ट ऑफिस रोड पर लेन नंबर 11 में रह रहे 5 बांग्लादेशी नागरिकों के पास वैध दस्तावेज नहीं पाए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया।ALSO READ: Punjab: आईएसआई को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गुरदासपुर से 2 लोग गिरफ्तार
 
उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस टीम को बांग्लादेशी नागरिक निर्मल राय (35), शेम राय (33) उसकी पत्नी लिपि राय (27), मुनीर चन्द्र राय उर्फ उज्ज्वल (30), मुनीर का भांजा कृष्णा उर्फ संतोष (28) तथा उनके साथ मौजूद 4 नाबालिग बांग्लादेशी बच्चों के अलावा उनके साथ रह रही एक भारतीय महिला पूजा रानी (28) व एक भारतीय नाबालिग बच्चा मिला।
 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान कोई भी बांग्लादेशी नागरिक वैध दस्तावेज जैसे पासपोर्ट या वीजा प्रस्तुत नहीं कर पाया। मुनीर के पास से बिहार व पश्चिम बंगाल के पते वाले 2 अवैध आधार कार्ड तथा बिहार का फर्जी स्थाई निवास प्रमाणपत्र बरामद हुआ, जबकि कृष्णा उर्फ संतोष व निर्मल राय से बांग्लादेश के पहचान पत्र मिले।ALSO READ: शेख हसीना बनकर धमाका मचाने वाली बांग्लादेशी एक्ट्रेस को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिए कौन हैं नुसरत फारिया
 
उन्होंने बताया कि पांचों बांग्लादेशी नागरिको को अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर निवास करने तथा पूजा रानी को षड्यंत्र के तहत बांग्लादेशी नागरिकों की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 338, 336(3), 340(2), 318(4), 61(2) तथा पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 3/12/14 के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि 4 बांग्लादेशी नाबालिग बच्चों को पुलिस संरक्षण में ले लिया गया है।
 
पूछताछ में मुनीर ने बताया कि वह 12 साल पहले 16 वर्ष की आयु में पश्चिम बंगाल के राधिकापुर बॉर्डर से अपने मामा के घर धनकल कलियागंज आया था। भारत में रहने के दौरान उसने उत्तरप्रदेश के नोएडा में भी काम किया। उसने 2016 में सिलीगुड़ी की रहने वाली मुस्लिम महिला पूजा रानी उर्फ रोसना से फरीदाबाद में विवाह कर लिया और विवाह से उसकी 2 पुत्रियां हैं।
 
मुनीर ने बताया कि बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले ठेकेदार अलाउद्दीन उर्फ मोहम्मद आलम ने उसे बांग्लादेश से भारत आने में सहायता की तथा वही मुनीर को लेकर देहरादून के हर्रावाला आया था। 6 माह पूर्व मुनीर के बुलाने पर ही बांग्लादेश से 3 व्यक्ति निर्मल राय, शेम राय तथा उसकी पत्नी लिपि अपने 2 बच्चों के साथ मजदूरी करने देहरादून आए थे।ALSO READ: UP में दवा कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई, 30 करोड़ से ज्यादा की नकली दवाएं जब्त, 68 लोग गिरफ्तार

3 माह पूर्व मुनीर का भांजा कृष्णा उर्फ संतोष भी मजदूरी करने देहरादून पहुंचा जिसकी दिल्ली के न्यू अशोक नगर के ठेकेदार नूर इस्लाम ने भारत आने में मदद की। फिलहाल सभी क्लेमन्टटाउन क्षेत्र में मजदूरी करते हैं। पुलिस ने बताया कि बांग्लादेशियों को भारत आने में मदद करने वाले ठेकेदारों मोहम्मद आलम और नूर इस्लाम की तलाश की जा रही है।
 
हरिद्वार पुलिस ने भी पिछले कई साल से हर की पौड़ी के पास रोड़ी बेलवाल क्षेत्र में अवैध रूप से रह रही एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया। महिला के उत्तरप्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले उसके पति संतोष दुबे तथा पहले पति से पैदा किशोरवय बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दंपति की 3 साल बेटी भी है।
 
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि शनिवार को सत्यापन कार्रवाई के दौरान तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। उन्होंने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि बांग्लादेश के ढाका की रहने वाली रूबीना अख्तर आठ साल पहले अपने 5 साल के बेटे को लेकर सीमा पार कर भारत आ गई थी। अब वह रूबी देवी बनकर रह रही है। महिला के पास से 2 आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुए हैं जिन पर उसका नाम रूबी देवी पुत्री श्रीकांत लिखा है।
 
एसएसपी के मुताबिक उसके पति संतोष दुबे ने उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया था जिसमें उसका पता अपने गांव का लिखवाया गया है। दंपति फिलहाल दिहाड़ी मजदूरी कर रहा है। महिला का पहले पति से पैदा बेटा करीब 13 वर्ष का है और उसे भी अपने बांग्लादेशी होने की जानकारी है। उसका भी फर्जी आधार कार्ड बनाया गया है। महिला का बांग्लादेश में रह रहे अपने भाई और पिता से भी संपर्क बना हुआ था जिसके साक्ष्य उसके मोबाइल से मिले हैं।

एसएसपी ने बताया कि किशोर को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा जबकि उनकी 3 साल की बेटी जेल में मां के साथ रहेगी। उन्होंने बताया कि फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों की भी तलाश की जा रही है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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