जयपुर। राजस्थान की एक विशेष अदालत ने जयपुर बम विस्फोट मामले में बुधवार को 4 आरोपियों को दोषी ठहराया जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया। अदालत में अब दोषियों को सजा के अनुपात पर गुरुवार को बहस होगी और उसके बाद सजा सुनाई जाएगी। मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने बुधवार को फैसला सुनाया।
लोक अभियोजक श्रीचंद ने बताया कि चार आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। उनको भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 324, 326, 120बी, 121ए और 124ए, 153ए के तहत दोषी माना गया है। इसके अलावा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा तीन के तहत तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 1 ए और 18 के तहत भी उन्हें दोषी ठहराया है।
श्रीचंद ने बताया कि दोषियों को सजा के अनुपात पर कल जिरह होगी फिर निर्णय के लिए तारीख दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 1,272 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए। जयपुर सिलसिलेवार विस्फोट में कुल 70 लोगों की मौत हुई थी तथा लगभग 185 घायल हुए थे।
उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का आग्रह अदालत से किया जाएगा और मैंने इन दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने का निवेदन अदालत से किया है।
मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन के न्यायमित्र (एमिक्स क्यूरी) सुरेश व्यास ने इससे पहले बताया कि अदालत ने आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया क्योंकि उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो सके। बाकी चार आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत दोषी माना गया है। शाहबाज पर इन धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाला ईमेल भेजने का आरोप था।
बाकी चार दोषियों के नाम मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान हैं। ये सभी अदालत में मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने पिछले महीने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को शाम लगभग सवा सात बजे 15 मिनट में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे। लगभग 11 साल पहले हुए इन 8 सिलसिलेवार बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था। इन धमाकों में कम से कम 70 लोगों की मौत हुई थी और 185 घायल हुए थे।
पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था। इसके बाद बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे। बम धमाके के बाद राज्य सरकार की सिफारिश पर उच्च न्यायायल ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की थी।