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2022 में ही सरकार में शामिल होना चाहते थे NCP के 51 विधायक, प्रफुल्ल पटेल का दावा

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, मंगलवार, 4 जुलाई 2023 (14:28 IST)
Maharashtra Political News : राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) ने दावा किया कि पार्टी के 53 में से 51 विधायकों ने पिछले साल महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार गिरने के बाद पार्टी अध्यक्ष शरद पवार से भाजपा से हाथ मिलाने की संभावना तलाशने के लिए कहा था।
 
राकांपा से बगावत कर सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन में शामिल हुए अजित पवार का साथ देने वाले पटेल ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर राकांपा, शिवसेना के साथ सरकार बना सकती है तो भाजपा के साथ क्यों नहीं।
 
गौरतलब है कि रविवार को राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने पार्टी में विभाजन का नेतृत्व करते हुए सत्तारूढ़ सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। अजित पवार के अलावा छगन भुजबल और हसन मुशरिफ समेत राकांपा के 8 विधायकों ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
 
शिंदे की बगावत के कारण पिछले साल जून में राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। बाद में शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे।
 
पटेल ने कहा कि पिछले साल भाजपा गठबंधन में शामिल होने को लेकर राकांपा में चर्चा हुई थी। उन्होंने बताया कि विधायकों ने इस पर चर्चा की थी।
 
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी लेकिन कोई फैसला नहीं लिया गया था। अब इसे आकार दिया गया है। फैसला एक पार्टी के तौर पर लिया गया है न कि मेरे या अजित पवार के द्वारा लिया गया है।
 
उन्होंने यह भी दावा किया कि जयंत पाटिल उन 51 विधायकों में से एक थे जो चाहते थे कि शरद पवार सरकार में शामिल होने की संभावना तलाश करें। केवल अनिल देशमुख और नवाब मलिक चर्चा में शामिल नहीं थे। मंत्रियों ने शरद पवार को एक पत्र लिखकर कहा था कि पार्टी को सत्ता से बाहर नहीं रहना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि शरद पवार के काफी करीब होने के बावजूद उन्हें कुछ महीने पहले उनके पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने के फैसले के बारे में मालूम नहीं था। मुझे नहीं लगता कि शरद पवार मुझसे नाराज होंगे। वह मेरे बारे में जो भी सोचते हैं, मैं उसका सामना करूंगा।
 
जयंत पाटिल के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने वाले अजित पवार तथा 8 अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर करने पर, पटेल ने कहा कि पार्टी में कोई आंतरिक चुनाव नहीं हुआ है।
 
उन्होंने दावा किया, 'जयंत पाटिल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नहीं चुना गया है और उनके द्वारा लिए गए फैसले मायने नहीं रखते।'
 
शरद पवार के उन्हें पार्टी से निकाले जाने पर पटेल ने कहा कि वह राकांपा अध्यक्ष के इस कदम पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या वह केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनेंगे, इस पर पटेल ने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। पटेल को राकांपा से बगावत करने वाले अजित पवार का साथ देने के कारण सोमवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। (भाषा)

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