तिरुवनंतपुरम। संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में केरल में लातिन गिरजाघर तथा वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली मस्जिदों में रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। माकपा की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने उत्तरी हिस्से से 620 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया गया।
सभी लातिन गिरजाघर के पादरियों ने इस कानून के खिलाफ एक ‘पैस्टोरल लेटर’ पढ़ा और कहा कि यह कानून ‘‘असंवैधानिक’’ है और न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि पूरे देश को प्रभावित करता है। 26 जनवरी को ‘संविधान बचाओ’ दिवस के तौर पर मनाते हुए पत्र में कहा गया कि सबसे बड़ा अपराध लोगों को बांटना है। गिरजाघर परिसरों में राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया गया ।
वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत सभी मस्जिदों में गणतंत्र दिवस समारोह पर तिरंगा झंडा फहराया गया और सीएए के खिलाफ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई।
मुख्यमंत्री भी प्रदर्शन में शामिल : एलडीएफ ने उत्तरी केरल के कसारगोड से सुदूर दक्षिणतम हिस्से कालियाक्कविलाई तक मानव श्रृंखला बनाई। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और भाकपा नेता कनम राजेंद्रन ने तिरुवनंतपुरम में इस प्रदर्शन में भाग लिया। एलडीएफ ने दावा किया कि इस मानव श्रृंखला में करीब 60-70 लाख लोगों ने हिस्सा लिया।
यह मानव श्रृंखला चार बजे बनाई गई जिसके बाद संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। बाद में केंद्र सरकार के प्रयासों से संविधान को बचाने की शपथ ली गई। वरिष्ठ माकपा नेता एस रामचंद्रन पिल्लै कसारगोड़ में इस 620 लंबी श्रृंखला में पहली कड़ी थे जबकि कालियाक्कविलाई में एमए बेबी आखिरी कड़ी। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की कई अहम हस्तियां इससे जुड़ीं।