जोधपुर। जोधपुर की स्थानीय अदालत में लोग उस समय हैरान रह गए जब शनिवार को एक गाय को पेश किया गया। इसके मालिकाना हक को लेकर 2 लोगों में 2018 से ही विवाद चल रहा था।
महानगर मजिस्ट्रेट संख्या-पांच के पीठासीन अधिकारी मदन लाल बालोटिया ने शनिवार को गाय के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद के मामले में गाय कांस्टेबल ओम प्रकाश विश्नोई को सौंप देने का फैसला सुनाया।
मंडोर थाना क्षेत्र में गाय को लेकर अपना हक जता रहे ओम प्रकाश विश्नोई एवं शिक्षक श्याम सिंह परिहार के घर से थोड़ी दूर गाय को छोड़ दिया गया और गाय वहां से ओमप्रकाश के मकान की तरफ गई। अदालत ने इसी को आधार मानते हुए गाय ओम प्रकाश को सौंपने के आदेश दिए।
उल्लेखनीय है कि मंडोर थाना क्षेत्र में चैनपुरा बावड़ी स्थित नयाबास निवासी श्याम सिंह परिहार ने गत वर्ष जुलाई में दो महीने पहले खोई हुई गाय रास्ते में मिल जाने पर घर लाकर बांध दी थी।
इसके चार-पांच दिन बाद ही उसके पडौसी ओमप्रकाश ने इसे अपनी बताते हुए गाय को अपने घर ले गया। इसके बाद दोनों में गाय को लेकर विवाद हो गया और मामला थाने में पहुंच गया और शिक्षक ने कांस्टेबल के विरुद्ध गाय कब्जाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करा दिया। पुलिस द्वारा मामला नहीं सुलझने पर यह मामला अदालत में पहुंच गया।
विवाद के कारण गाय को गौशाला भेज दिया गया। श्याम सिंह का कहना था कि उसकी गाय बछड़ा होने के बाद अपना दूध खुद ही पीती है। इस पर गाय के बछड़ा होने तक का इंतजार किया गया और उसे बछड़ा होने पर गौशाला में दो-तीन दिन तक सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया। लेकिन गाय खुद का दूध पीते कहीं नजर नहीं आई। इससे पहले दोनों दावेदारों को दोनों तरफ खड़ा करके गाय को आवाज लगाकर भी देखा गया लेकिन कोई तरकीब काम नहीं आई।
इस मामले की अदालत में सुनवाई के दौरान गाय को गत बारह अप्रैल को भौतिक सत्यापन के लिए अदालत में पेश भी किया गया। इसके बाद अदालत ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत को अपनाते हुए यह फैसला लिया कि गाय को दोनों दावेदारों के घर के बीच खड़ी कर दी जाए और गाय जिसके घर जाएगी, गाय उसी की होगी। इसी आधार पर अदालत ने गाय ओमप्रकाश विश्नोई को सौंपने के आदेश दिए।