Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

'आप' ने राजनीतिक भाषा को गंदगी में बदला

हमें फॉलो करें 'आप' ने राजनीतिक भाषा को गंदगी में बदला
, शनिवार, 6 अगस्त 2016 (14:07 IST)
भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक भाषा को ही गंदगी में बदल दिया है जबकि यह इस दावे के साथ सत्ता में आई थी, कि वह नए किस्म की राजनीति करेगी। पर दो वर्षों के बाद ही इसके नए किस्म की राजनीति का 'सार्वजनिक संभाषणों' में सच उजागर हो गया।
 
इसकी राजनीति में इतनी गंदगी है जिसे पहले कभी नहीं सुना गया है। आमतौर पर राजनीतिज्ञ अच्छा व्यवहार करने वाले लोगों में नहीं गिने जाते हैं, लेकिन आप नेताओं के बोल कभी-कभी शालीनताओं की सारी सीमाएं लांघ जाते हैं। इसके ज्यादातर उदाहरण किसी कार्रवाई के तौर पर सामने आते हैं जिनमें किसी से क्षमा याचना की जाती है, भर्त्सना की जाती है या फिर निष्कासन की कार्रवाई होती है। 
 
लेकिन आप के सक्रिय होने के बाद से सार्वजनिक संभाषणों में अभद्रता, बेहूदगी और झूठी निंदा ने एक संस्थागत रूप ले लिया है। इससे पहले भारत में सार्वजनिक संभाषण कभी इतने विषाक्त नहीं रहे हैं। लेकिन हमारे बुद्धिजीवी सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के जरिए तो नाराजगी जाहिर करते हैं लेकिन आप द्वारा शालीनता की संस्थागत तौर पर हत्या को लेकर बिना किसी स्पष्टीकरण के आश्चर्यजनक तौर पर मौन साधे हुए हैं।
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी अव्यावहारिक महत्वाकांक्षाओं के लिए जाना जाता है और साथ ही उनमें आत्मविश्वास भी कम है। यह अनुभव और दूरदृष्टि की कमी के चलते है, लेकिन वे समझते हैं कि राजनीति के शलाका पुरुष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगातार हमले करके राजनीति में प्रासंगिक बना रहा जा सकता है। वास्तव में, भाजपा के नेताओं में  इतनी 'प्रतिभा' और 'भाषा की गहराई' नहीं है कि वे इस मामले में 'आप' का मुकाबला कर सकें।
 
webdunia
फर्स्टपोस्ट पर प्रकाशित एक लेख में अमित मालवीय का कहना है कि आम आदमी पार्टी का अधिकृत ट्‍विटर हैंडल और पार्टी के पदाधिकारी इस काम में इतने निष्णात हैं कि वे सार्वजनिक संभाषण के स्तर को नीचे गिराने में स्थानीय गुंडों को भी मजा चखा सकते हैं। ट्‍विटर हैंडल्स का प्रयोग करने वाले आप नेताओं और समर्थकों की बानगी को देखा भी जा सकता है। 
 
आप नेता आशीष खेतान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में मोदी सरकार पर हमला बोला क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को उन पर लगाए गए मनी लॉंड्रिंग के आरोपों और उनके घृणित हैशटैग को देखते हुए उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया था।
 
एक अन्य ट्‍वीट में आप नेताओं ने कहा कि हम प्रदीप शर्मा पर लगे आरोपों का विरोध नहीं करते हैं। पर सवाल यह है कि मोदीजी देश में कैसा 'दमन चक्र' चला रहे हैं। 
 
इसके बाद दो ट्रेंड्स को तो जैसे अरविंद केजरीवाल ने ही चुना हो जिसमें उन्होंने # कायरमोदी नाम दिया। दिल्ली के सचिवालय पर सीबीई का छापा दिल्ली सरकार की अपने वायदों पर सफलता पर मोदी की छटपटाहट और निराशा को दिखाती है। दूसरे ट्‍वीट में अघोषित आपातकाल का हवाला देते हुए कहा गया कि राजेन्द्र प्रसाद के कार्यालय के नाम पर मुख्यमंत्री कार्यालय पर सीबीआई का छापा एक घटिया फैसला है। उपरोक्त दोनों ट्वीट 15 दिसंबर, 2015 को किए गए थे।
 
कायरमोदी के हैशटैग में कहा गया कि प्रत्येक गुजरते दिन के साथ कायर मोदी द्वारा दिल्ली सरकार का कामकाज रोकने के प्रयास और अधिक निराशा दर्शाते हैं। 24 जुलाई, 2016 को आशीष खेतान लिखते हैं कि फर्जी आरोपों में एक और आप विधायक की गिरफ्तारी हुई। कायरमोदी का यह कृत्य इतिहास में आपातकाल के बाद में लोकतंत्र के काले समय के तौर पर दर्ज किया जाएगा।
 
किसी भी आदमी का 12वीं पास होना कोई अपराध नहीं है, लेकिन भारतीय राजनीति को रसातल में ले जाते हुए आप ने पीएम मोदी की शिक्षा को लेकर यह हैशटैग इस्तेमाल किया। आरोप लगाया कि मोदी केवल 12वीं पास हैं और फर्जी डिग्री के सामने आने के बाद यह जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा के खिलाफ है। यह प्रधानमंत्री के लिए भी अच्छा नहीं है। 6 मई को किए गए एक ट्वीट में कहा गया कि देश के प्रधानमंत्री का शपथ लेकर झूठ बोलना और धोखाधड़ी करना देश के माथे पर एक बड़ा कलंक है।   
   
12 मई, 2016 को संजय राघव ने ट्‍वीट किया कि 'जैसे-जैसे भक्तों की बुद्धि का विकास होगा, वैसे वैसे मोदी पर से उनका विश्वास उठेगा!' जब भारत को एनएसजी में प्रवेश नहीं मिला तो लगता है कि आप दुनिया के सबसे खुश लोगों में था। देश हित का कोई विचार नहीं, देश के प्रधानमंत्री के प्रति कोई आदर नहीं, ये लोग केवल जहरीली घृणा से भरे हुए हैं।
 
इससे पहले भी नपुंसक मोदी के नपुंसक ट्रेंड, साला दलाल और सोनियाके मौन मोदी नाम से भी ट्वीट किए गए। इसमें आगे कहा गया कि सारा देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री कब सोनिया गांधी को हेलीकॉप्टर स्कैम में गिरफ्तार करवा रहे हैं। अमित मिश्रा ने अपने ट्‍वीट में कहा कि सारी जांच एजेंसियां मोदी जी के एकाधिकार में हैं तो वे सोनिया गांधी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। सात मई को अनीश गोयल के ट्‍वीट में लिखा गया कि 'सोनिया जिसकी मम्मी थी वो सरकार निकम्मी थी, मोदी जिसका पापा है उसकी सरकार का स्यापा है'।
 
दुर्भाग्य की बात है कि आप ट्रोल के ट्‍विटर फीड्‍स मोदी जी का राजनीतिक विरोध नहीं करते हैं जोकि विपक्षी दलों का अधिकार है। लेकिन देश के सबसे लोकप्रिय नेता के खिलाफ इस तरह की गाली गलौज भरी भाषा का इस्तेमाल करना उचित नहीं है। आप मोदी का मुकाबला राजनीतिक तरीके से करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन इस तरह की भाषा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस तरह की भाषा सार्वजनिक जीवन में शालीनता और शुचिता के बुनियादी मूल्यों के खिलाफ है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गूगल ने फिलिस्तीन मिटाया, इसराइल दिखाया