पटना। नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश से बिहार में 8 नदियां उफान पर है वहीं 16 जिलों में जारी बाढ़ से अब तक करीब 81 लाख आबादी प्रभावित हुई है। 17 अगस्त तक बिहार के सभी जल ग्रहण क्षेत्र में वज्रपात और गरज के साथ हल्की से साधारण बारिश होने की संभावना है।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से शुक्रवार को नदियों के दैनिक जल स्तर और बाढ़ पूर्वानुमान के जारी आंकड़े के अनुसार, बिहार में बागमती नदी का जल स्तर चार स्थान पर, बूढ़ी गंडक तीन, कोसी दो तथा पुनपुन, घाघरा, गंडक, अधवारा और परमान नदी का जल स्तर एक-एक स्थान पर खतरे के निशान से ऊपर रिकॉर्ड किया गया है।
बिहार में बागमती नदी सीतामढ़ी जिले के ढेंग ब्रिज में छह सेंटीमीटर, मुजफ्फरपुर जिले के रुन्नीसैदपुर में 143 सेंटीमीटर एवं बेनीबाद में 80 सेंटीमीटर, दरभंगा के हायाघाट में 198 सेंटीमीटर तथा बूढ़ी गंडक नदी का जल स्तर समस्तीपुर में 67 सेंटीमीटर, रोसड़ा में 203 सेंटीमीटर और खगड़िया में 59 सेंटीमीटर तथा पुनपुन नदी का जल स्तर पटना जिले के श्रीपालपुर में 27 सेंटीमीटर ऊपर है।
वहीं घाघरा दरौली में 23 सेंटीमीटर, गंडक गोपालगंज के डुमरियाघाट में 102 सेंटीमीटर अधवारा समूह दरभंगा के एकमीघाट में 168 सेंटीमीटर, कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में 184 सेंटीमीटर, कटिहार के कुरसेला में सात सेंटीमीटर तथा परमान नदी अररिया में खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
मौसम विज्ञान विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया कि 17 अगस्त तक बिहार के सभी जलग्रहण क्षेत्र में वज्रपात और गरज के साथ हल्की से साधारण वर्षा होने की संभावना है। वहीं 14 और 15 अगस्त को नेपाल संभाग में गंडक, बागमती और कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना है।
जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी ने सूचना एवं जनसंपर्क सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार और आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को बताया कि गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, पुनपुन और महानंदा नदी के जल स्तर में कई स्थानों पर बढ़ने की प्रवृत्ति है।
उन्होंने बताया कि अगले चौबीस घंटे में गंगा नदी के जल स्तर में पटना के गांधी घाट में 15 सेंटीमीटर एवं हथिदह में 14 सेंटीमीटर, भागलपुर के कहलगांव में आठ सेंटीमीटर और झारखंड के साहेबगंज में पांच सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है।
अधिकारी ने बताया कि कोसी नदी के वीरपुर बराज में आज एक लाख 71 हजार 30 क्यूसेक, गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज में दो लाख 15 हजार 100 क्यूसेक, सोन नदी के इंद्रपुरी बराज में 60 हजार 466 क्यूसेक और फल्गू नदी में 12870 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि सभी बराज में नदियों के जल स्तर में बढ़ने की प्रवृत्ति है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि राज्य में अब तक 16 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सीवान, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा के 130 प्रखंड की 1303 पंचायत की 80 लाख 98 हजार 590 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 33 टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
डू ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से पांच लाख 48 हजार 89 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में फैलने से राहत शिविरों की संख्या बढ़ाकर 11 कर दी गई है, जिनमें लगभग 12629 लोग रह रहे हैं। हालांकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाई जा रही सामुदायिक रसोई की संख्या घटकर 818 हो गई है, जहां प्रतिदिन लगभग छह लाख 63 हजार 649 पीड़ित भोजन कर रहे हैं।
अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सात लाख 79 हजार 82 पीड़ित परिवारों को छह-छह हजार रुपए प्रति परिवार की दर से अब तक 467.45 करोड़ रुपए राहत राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष परिवारों को राहत राशि उनके बैंक खाते में अंतरित करने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि राशि अंतरण की सूचना एसएमएस के माध्यम से पीड़ित परिवारों को दी जा रही है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अलग-अलग कारणों से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे अधिक दरभंगा में 11, मुजफ्फरपुर में छह, पश्चिम चंपारण में चार तथा सारण और सीवान में दो-दो व्यक्ति शामिल हैं। इसी तरह अलग-अलग जिले में 75 पशु की मौत हो चुकी है।(वार्ता)