उत्तरप्रदेश के हाथरस में सत्संग में मची भगदड़ में करीब सवा सौ मौत के बाद आज जहां सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि ने पहली बार मीडिया के सामने अपनी सफाई पेश की। वहीं अब तक कथित बाबा पर कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधने वाले योगी सरकार के मंत्री खुलकर बोलने लगे है। शनिवार को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने साफ कहा कि अगर जांच में बाबा दोषी पाए गए तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि कहीं पर कोई घटना होती है तो जिला प्रशासन से परमिशन ली जाती है, इस घटना के पीछे पूरी तरह से आयोजक जिम्मेदार हैं। कार्यक्रम में जितने लोगों को आना था, उससे कहीं ज्यादा भीड़ बुला ली गई। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। इस पूरे घटनाक्रम में यदि बाबा की संलिप्तता पाई जाती है तो यूपी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार जो कार्रवाई करती है उसका कोई मुकाबला नहीं है, जांच के आधार पर जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सपा वोट बैंक की राजनीति करती है, खुद अखिलेश यादव ने छह बार बाबा के साथ मंच साझा किया।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भोले बाबा के सत्संग में शामिल होते रहे हैं। सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के बाबा के सत्संग में शामिल होने की कई पोस्ट वायरल हो रही है। खुद अखिलेश यादव के ऑफिशियल अकाउंट पर पिछले साल जनवरी महीने में भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने की पोस्ट हुई थी।
सत्संग करने वाले भोले बाबा उर्फ सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि का सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। दलित वर्ग में अपनी गहरी पैठ रखने वाले भोले बाबा के दरबार में सियासी दलों के दिग्गज भी हाजिरी लगाते थे। क्या यहीं कारण है कि करीब सवा सौ मौत के गुनहगार भोले बाबा को पुलिस ने आरोपी तक नहीं बनाया है और न कोई केस दर्ज किया है।