चेन्नई। तमिलनाडु में नीट से जुड़ा एक और विवाद सामने आया है। अभिनेता सूर्या ने कहा कि अदालत का कामकाज ऑनलाइन हो रहा है लेकिन विद्यार्थियों से परीक्षा देने को कहा गया है। उनके इस बयान पर मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने अभिनेता के खिलाफ अदालत से अवमानना की कार्यवाही करने की अपील की है जबकि 6 अन्य पूर्व न्यायाधीशों ने इसका विरोध किया।
तमिलनाडु एडवोकेट एसोसिएशन ने न्यायाधीश का समर्थन किया और फिल्म कलाकार के खिलाफ अवमानना की सुनवाई शुरू करने की अपील की। वहीं कई प्रख्यात वकीलों ने इस कदम का विरोध भी किया है। 'सिंघम' अभिनेता तमिल समाज से राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने
की बात कर रहे थे जिसने गरीब परिवारों के विद्यार्थियों के डॉक्टर बनने के सपने को कथित तौर पर जला दिया
है।
उन्होंने 12 सितंबर को 1 दिन में 3 विद्यार्थियों की कथित आत्महत्या की तरफ इशारा करते हुए कहा कि
अगर हम सतर्क नहीं हुए तो यह बार-बार होगा। हमें निर्दोष विद्यार्थियों की मौत को देखकर मूकदर्शक नहीं बने
रहना चाहिए। अभिनेता ने कहा कि अदालत जो वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए न्याय दे रही है, उसने विद्यार्थियों को बिना डर के परीक्षा में हिस्सा लेने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति एसएम सुब्रह्मण्यम ने मुख्य न्यायाधीश एपी साही को पत्र लिखकर कहा है कि यह बयान 'अदालत
की अवमानना' तुल्य है। इस बयान ने माननीय न्यायाधीशों के साथ-साथ हमारे महान राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली
को न केवल कमजोर किया गया है बल्कि इसकी गलत इरादे से आलोचना की गई है, जो न्यायपालिका के प्रति
जनता के विश्वास को खतरा उत्पन्न करता है।
हालांकि मद्रास उच्च न्यायालय के 6 पूर्व न्यायाधीशों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि न्यायाधीश ने अवमानना का मुकदमा चलाने का जो आग्रह किया है, उसकी जरूरत नहीं है। (भाषा)