Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कावड़ यात्रा को लेकर UP के बाद हरिद्वार में भी फरमान, दुकानों पर मुस्लिमों को बतानी होगी पहचान

हमें फॉलो करें कावड़ यात्रा को लेकर UP के बाद हरिद्वार में भी फरमान, दुकानों पर मुस्लिमों को बतानी होगी पहचान

हिमा अग्रवाल

, शनिवार, 20 जुलाई 2024 (20:36 IST)
Kavad Yatra of Shravan month : 22 जुलाई से श्रावण मास की कावड़ यात्रा (Kavad Yatra) शुरू होने जा रही है। यह यात्रा उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के लिए अहम है। करोड़ों की संख्या में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के कावड़िये आस्था के सरोवर में डुबकी लगाकर नंगे पैर हरिद्वार से गंगा जल कंधे पर रखकर शिवालयों की तरफ कूच करते हैं। कई राज्यों के शिवभक्त उत्तरप्रदेश से गुजरकर उत्तराखंड में गंगा जल (Ganga water) लेने आते हैं।
 
पैदल सैकड़ों मीलों का सफर करने में कई दिन-रात लग जाते हैं। ऐसे में कावड़ियों के जत्थे रास्ते में धर्मशाला, सड़कों के किनारे लगे शिविरों में रुकते हैं। मार्ग में पड़ने वाले ढाबों-होटलों पर खाते-पीते हैं। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के हाईवे पर बहुत से रेस्टॉरेंट, ढाबे, रेडी और दुकानें हैं जिनका नाम हिन्दू धर्म पर आधारित है लेकिन उसे मुसलमान संचालित करते हैं। ऐसे मुसलमानों को अपनी पहचान यूपी और उत्तराखंड में उजागर करनी होगी, वहीं संत समाज ने इस निर्णय का स्वागत किया है।

 
यूपी के मुजफ्फरनगर में डीएम ने कहा कि दुकानदारों को अपनी पहचान उजागर करने के लिए नाम का खुलासा करना होगा। जब यह आदेश दिया तो राजनीतिक माहौल गरमा गया। चारों तरफ चर्चा होने लगी कि धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है, रोजगार पर चोट की जा रही है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। व्यापारी तबके को बोर्ड लगाकर अपने नाम को उजागर करना पड़ रहा है, हालांकि धार्मिक कावड़ यात्रा वर्षों से इन्हीं मार्गों से होकर गुजरती रही है।

 
मुजफ्फरनगर प्रशासन का कहना है कि 240 किलोमीटर का कावड़ मार्ग उनके जिले से होकर गुजरता है जिसके चलते किसी भी तरह की दो धर्मों के बीच में गलतफहमी की वजह से मनमुटाव और संघर्ष न हो, उसके लिए यह निर्णय लिया गया है। वहीं हिन्दू ढाबों, रेस्टॉरेंट पर काम करने वाले मुसलमानों का रोजगार भी छिन गया। होटल मालिक ने मुस्लिम काम करने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में बेरोजगारी कम होने की जगह बढ़ जाएगी और नफरत की खाई दिखाई देने लगेगी।

webdunia
 
वहीं खाद्य सामग्री विक्रेताओं ने प्रतिष्ठान के बाहर और रेडी पर नाम के बोर्ड चस्पा कर दिए हैं। मुस्लिम समाज में रोष पनपना शुरू हो गया है जिसके चलते टायर-पंक्चर लगाने वालों ने भी अपने नाम की तख्ती टांग ली है। मुजफ्फरनगर सांसद ने कहा है कि धार्मिक तौर पर भावनाओं को भड़काने का प्रयास है, ऐसा होना गलत है। उन्होंने अपनी बात स्पष्ट करने के लिए कहा कि आम के खेत व दालों की खेती करने वाला कौन है? कौन उन्हें तोड़ता है, किसके माध्यम सें मंडी में माल आता है, ड्राइवर और उतारने वाले से लेकर बाजार में बेचने वाले कई माध्यम हैं, किस-किस की पहचान होगी?

 
मुजफ्फरनगर में जारी हुए इस फरमान के बाद हरिद्वार प्रशासन ने कावड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले होटल-ढाबों के सत्यापन के आदेश दे दिए हैं। हरिद्वार में साधु-संतों ने जिसका खुले दिल से स्वागत किया है। देवभूमि के साधु-संतों का कहना है कि उत्तराखंड में धार्मिक जिहाद चल रहा है। होटल-ढाबों के नाम पर मुसलमान व्यापार करके गुमराह कर रहे हैं। ये हिन्दू नाम रख पहचान छुपाते हैं जिससे धार्मिक दर्शन और यात्रा पर आए लोग गुमराह होकर हो जाते हैं। इसलिए धार्मिक जिहाद को खत्म करने के लिए यूपी और उत्तराखंड में जो कार्रवाई हो रही है, वह स्वागतयोग्य है।

 
संत-महात्माओं का कहना है कि पहले भी कावड़ यात्रा के दौरान ढाबों के नाम बदलकर संचालित होने की घटनाएं सामने आई हैं जिससे यहां का माहौल खराब हुआ, इसलिए हरिद्वार में ही नहीं बल्कि सभी जगहों पर पहचान छुपाकर होटल-ढाबा कारोबारियों के खिलाफ एक्शन होना चाहिए।
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

एडिटर्स गिल्ड ने Rahul Gandhi को लिखा पत्र, संसद में इस मुद्दे को उठाने के लिए मांगा समर्थन