Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अहमदाबाद का अनूठा गरबा, जहां पुरुष साड़ी पहनकर करते हैं माता की आराधना

हमें फॉलो करें अहमदाबाद का अनूठा गरबा, जहां पुरुष साड़ी पहनकर करते हैं माता की आराधना

विशेष प्रतिनिधि

, बुधवार, 28 सितम्बर 2022 (15:09 IST)
अहमदाबाद। नवरात्रि (Navratri Durga Puja) के दौरान लड़कियों और महिलाओं के साथ पुरुषों द्वारा गरबा किया जाना आम बात है, लेकिन पुराने अहमदाबाद के एक इलाके में पुरुषों द्वारा साड़ी पहनकर गरबा करना हर किसी को चौंकाता है। हालांकि दाढ़ी-मूंछों में साड़ी पहने पुरुष अष्टमी के दिन ही गरबा करते हैं। इन गरबों के पीछे 200 साल पुरानी परंपरा है। यह गरबा एक खास बारोट (Barot) समुदाय के पुरुष ही करते हैं। 
 
क्या है मान्यता : अहमदाबाद के सादु माता नी पोल इलाके में करीब 200 साल से पुरुष साड़ियां पहनकर गरबे कर रहे हैं। यहां बारोट या बड़ौत समुदाय के लोग इस तरह का गरबा करते हैं। वडोदरा में भी इस तरह के गरबे किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि साड़ी में गरबा करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है और वे शापमुक्त होते हैं। इस अनोखे के गरबे को शेरी गरबा भी कहा जाता है। 
 
हर साल सादु माता नी पोल में बारोट समुदाय के लोग सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होते हैं और माता से प्रार्थना करते हैं और उनसे क्षमा-याचना करते हैं। गरबे में करीब 800 लोग शामिल होते हैं। 
webdunia
क्या है इन गरबों के पीछे की कहानी : पुरुषों द्वारा साड़ी पहनकर गरबा किए जाने की इस परंपरा के पीछे एक कहानी छिपी हुई है। ऐसी मान्यता है कि 200 साल पहले सादुबा नाम की एक महिला ने अपनी लाज बचाने के लिए बारोट समुदाय के लोगों से मदद मांगी थी, लेकिन उन्होंने मदद करने से इंकार दिया था।
 
इस घटना में सादुबा को अपना बच्चा भी खोना पड़ा था। मदद ‍न मिलने से दुखी महिला ने लोगों को शाप दे दिया। इसके बाद लोगों सादुबा का मंदिर बनवाया, जिसे सादु माता मंदिर के नाम से जाना जाता है, सादु माता नी पोल में शाप के प्रायश्चित स्वरूप ही अष्टमी के दिन पुरुष साड़ी पहनकर गरबा करते हैं और सादु माता की आराधना करते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अशोक गहलोत कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी 'मजबूरी'?