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क्या महाराष्ट्र में चुनाव के बाद बदलेंगे राजनीतिक समीकरण, फिर चाचा शरद के साथ आ सकते हैं अजित पवार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 13 नवंबर 2024 (21:09 IST)
Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्‍य मुकाबला सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच है। इन गठबंधनों में तीन-तीन बड़ी पार्टियां हैं, जबकि कुछ छोटे दल भी शामिल हैं। महायुति में भाजपा के अलावा शिवसेना और एनसीपी हैं, जबकि अघाड़ी में कांग्रेस के अलावा शिवसेना-यूबीटी और एनसीपी-एसपी हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि चुनाव परिणाम के बाद राज्य में नए समीकरण भी बन सकते हैं।
 
राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार के हाल के बयानों से माना जा रहा है कि यदि चुनाव के बाद महाविकास अघाड़ी सत्ता के करीब पहुंचता है, तो वे एक बार फिर चाचा शरद पवार की शरण में जा सकते हैं। कुछेक और भी दल अपने मूल गठबंधन को छोड़कर इधर-उधर हो सकते हैं। ALSO READ: History Of Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का संपूर्ण इतिहास, सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहे वसंत नाईक
 
योगी के बयान का विरोध : दरसअल, इन अटकलों को बल तब मिला जब अजित पवार ने यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' का यह कहते हुए विरोध किया कि मैं इसका समर्थन नहीं करता। यह यूपी या झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलता। वहीं, भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना हिन्दुत्व से जुड़े मुद्दों को खुलकर उठा रहे हैं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी महाराष्ट्र की चुनावी सभाओं में कई बार कह चुके हैं- 'एक हैं तो सेफ हैं'। अजित का रुख महायुति के नेताओं को रास नहीं आ रहा है। 
 
अजित पवार भले ही महायुति के साथ जरूर हैं, लेकिन वे खुद भी गठबंधन में असहज महसूस करते हैं। कई मौकों पर ऐसा देखने को भी मिला है। यही स्थिति ‍भाजपा और शिवसेना की भी है। भाजपा और शिवसेना के स्थानीय नेता भी महायुति में अजित की मौजूदगी को पसंद नहीं करते। स्वयं देवेन्द्र फडणवीस भी परोक्ष रूप से इसके संकेत दे चुके हैं। शिवाजीनगर मानखुर्द सीट से नवाब मलिक को एनसीपी टिकट देने के चलते महायुति के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की थी। अजित ने नवाब की बेटी सना मलिक को भी टिकट दिया है। ALSO READ: महाराष्ट्र चुनाव में स्व. इंदिरा गांधी की भी एंट्री, जानिए क्या कहा अमित शाह ने
 
पवारों की एकता पर क्या बोले मलिक : नवाब मलिक ने भी अजित पवार और शरद पवार फिर से एक हो सकते हैं, सवाल पर कहा कि लाठी मारने से पानी अलग नहीं होता। महाराष्ट्र की जनता और कार्यकर्ता चाहते हैं कि परिवार के दोनों नेता एक साथ आएं लेकिन यह निर्णय पवार साहब और दादा को लेना है। 
 
शरद पवार की तरफ अजित का झुकाव तब भी देखने को मिला था जब महायुति की सहयोगी पार्टी रायत क्रांति संगठन के नेता सदाभाऊ खोत ने सांगली में एक रैली के दौरान कहा कि क्या शरद पवार महाराष्ट्र की हालत अपने चेहरे जैसी बनाना चाहते हैं। इस पर अजित पवार ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि शरद पवार के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। भविष्य के लिए उन्होंने खोत को चेतावनी भी थी। ये सभी संकेत बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद यदि महाविकास अघाड़ी का पलड़ा भारी रहता है तो अजित पवार चाचा शरद के पाले में नजर आ सकते हैं।  

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