जयपुर। भड़काऊ बयान देने के मामले में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए अजमेर दरगाह के खादिम (मौलवी) गौहर चिश्ती को शुक्रवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने दावा किया है कि खादिम चिश्ती का उदयपुर की घटना से सम्बद्ध नहीं है।
दरगाह थानाधिकारी दलवीर सिंह ने बताया कि खादिम को शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अंजता अग्रवाल के निवास पर पेश किया गया और सीजेएम ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। चिश्ती को अजमेर की उच्च सुरक्षा जेल में स्थानांतरित किया गया था। पुलिस ने दावा किया है कि खादिम चिश्ती का उदयपुर की घटना से सम्बद्ध नहीं है।
अजमेर के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने कहा कि खादिम गौहर चिश्ती के मामले के अब तक के अनुसंधान के अनुसार उसका उदयपुर की घटना और किसी संदिग्ध संगठन से संबंध नहीं है। न ही कोई संदिग्ध वित्तीय लेन-देन मिला है। चिश्ती को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उदयपुर में 28 जून को एक दर्जी कन्हैयालाल की सोशल मीडिया पर विवादित बयान पोस्ट करने पर दो लोगों ने चाकू से हमला कर निर्मम हत्या कर दी थी। आरोपियों ने अपने मोबाइल से इस अपराध का वीडियो बनाया और उसमें हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया इस्लाम का अपमान करने पर उन्होंने उसका सिर कलम कर दिया।
वायरल वीडियो में दोनों आरोपी 'गुस्ताखी ए नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा सर तन से जुदा कहते हुए दिखाई दे रहे हैं। देश को स्तब्ध कर देने वाली इस निर्मम घटना से पूर्व 17 जून को अजमेर में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा के विरोध में आयोजित मुस्लिम समाज की रैली से पहले दरगाह के मुख्य द्वार नाजिम दरवाजे पर खादिम गौहर चिश्ती और अन्य लोगों ने भड़काऊ भाषण दिए थे।
अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर दिये गये भड़काऊ भाषण के संबंध में पुलिस ने तीन आरोपियों को 29 जून को और एक को 30 जून को गिरफ्तार किया था जबकि गौहर चिश्ती फरार था। खादिम गौहर चिश्ती को पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को हैदराबाद से पकड़ा गया था और वह 15 जुलाई से पुलिस हिरासत में है।