पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट होते ही भाजपा तैयारियों में जुट गई है। रविवार को गृहमंत्री अमित शाह ने 'बिहार-जनसंवाद' के माध्यम से वर्चुअल रैली को संबोधित किया। भाजपा ने दावा किया कि पार्टी मुख्यालय से गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संबोधित अपनी तरह की पहली डिजिटल राजनीतिक रैली को 14 लाख से अधिक फेसबुक यूजर ने देखा, लेकिन भाजपा सोशल मीडिया पर इस रैली को लेकर यूजर्स के निशाने पर है।
भाजपा ने इस रैली को लेकर खास तैयारियां की थीं। रैली को असली लुक देने के लिए 72 हजार बूथों पर 72 हजार एलईडी स्क्रीन लगाए गए थे। ये एलईडी स्क्रीन खास उन लोगों के लिए हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं। वर्चुअल रैली को आम रैली जैसा दिखाने की कोशिश की गई। अब यूजर्स इन 72 हजार एलईडी के खर्च को लेकर भाजपा पर सवाल उठा रहे हैं।
ट्विटर पर हैशटेग #72000 LED ट्रेंड कर रहा है। कई यूजर्स कह रहे हैं कि कोरोना महामारी के दौर में भाजपा का इतना खर्च कहां तक उचित है? इस ट्विटर पर यूजर्स भाजपा से इन एलईडी का खर्च पूछ रहे हैं। कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि एलईडी पर खर्च हुआ पैसा अगर प्रवासी मजदूरों पर खर्च किया जाता तो अच्छा रहता।
एलईडी पर खर्च किए गए 144 करोड़ रुपए : रैली से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि इस रैली के लिए राज्य में 72,000 एलईडी स्क्रीन लगाने के लिए 144 करोड़ रुपए खर्च किए गए। राज्य में लगभग 72,000 मतदान केंद्र हैं। हालांकि बिहार के भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तेजस्वी के आरोपों को बेबुनियाद बताया।