मुरादाबाद। शिक्षा के मंदिर में छात्राओं ने जमकर उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ कर डाली। ये छात्राएं मार्कशीट न मिलने से नाराज थीं और कॉलेज के चक्कर लगाकर थक चुकी थीं। जिसके चलते इनका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और इन्होंने प्रिंसिपल रूम सहित कॉलेज में तोड़फोड़ कर दी। इनकी नाराजगी का कोपभाजन एक शिक्षिका को भी बनना पड़ा, क्योंकि इस हंगामे में वह चोटिल हुई है। कॉलेज में तोड़फोड़ की सूचना पर पुलिस पहुंची और नाराज छात्राओं को किसी तरह शांत कराया।
मामला मझोला थाना क्षेत्र के श्री सांई कन्या इंटर कॉलेज का है, जहां 120 छात्राओं को प्रोन्नत कर दिया गया था, लेकिन उनको कॉलेज ने मार्कशीट नहीं दी थी। मार्कशीट पाने के लिए छात्राएं कई दिनों से कॉलेज के चक्कर लगा रही थीं।
इन छात्राओं की समस्या थी कि उन्हें प्रोन्नत कर दिया गया है, अब उन्हें आगामी पढ़ाई के लिए डिग्री कॉलेज में एडमिशन लेना है, एडमिशन के लिए मार्कशीट चाहिए, जिसके चलते परेशान छात्राएं अपनी परेशानी को लेकर स्थानीय एडीएम सिटी से भी मिली थीं।
छात्राओं की समस्या सुनने के बाद एडीएम सिटी ने निदान निकालने के लिए वहां हिन्दू कॉलेज, दयानंद, मेफेयर कॉलेज समेत कई डिग्री कॉलेज के प्राचार्यों को बुलाकर बातचीत की थी और छात्राओं को एडमीशन का भरोसा दिलाया।
श्री सांई इंटर कॉलेज में बीते गुरुवार को अचानक 40 छात्राएं पहुंचीं। छात्राओं के आक्रामक तेवर देखकर वहां के कर्मचारियों ने कॉलेज का मुख्य द्वार बंद कर दिया। फिर क्या था, इन स्टूडेंट्स का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और वह हंगामा करने लगीं।
यही नहीं, वहां मौजूद एक छात्रा ने जान देने की धमकी दी और ऊपर की मंजिल पर चढ़ गई। विद्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि हंगामा कर रहीं छात्राओं के साथ जो लोग आए थे, उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी, जिसके चलते उन्होंने कॉलेज का मुख्य गेट खोल दिया।
गुस्से से तमतमाती ये छात्राएं विद्यालय की प्रिंसिपल से मुलाकात करना चाहती थीं, उन्हें बताया कि प्रधानाचार्य विद्यालय में मौजूद नहीं हैं, यह सुनकर वह आगबबूला हो गईं और उन्होंने प्रधानाचार्य व स्टाफ कार्यालय कक्ष में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इन उपद्रवी छात्राओं ने विद्यालय के फर्नीचर में जमकर तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान कॉलेज में पढ़ रहीं 90 छात्राएं डर और सहम गईं और उन्होंने कमरे को बंद कर लिया।
वहीं डरे-सहमे कर्मचारियों और शिक्षिकाओं ने अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए कार्यालय में बंद किया, तो छात्राओं ने खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। इस दौरान कांच का टुकड़ा लगने से अलका नाम की शिक्षिका घायल हो गईं। इतना ही नहीं छात्राओं के परिजनों पर आरोप है कि उन्होंने विद्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर विनय कुमार सैनी को पकड़कर मारपीट कर दी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी धर्मकीर्ति को जान से मारने की धमकी भी दी।
विद्यालय में हंगामे और तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट जगमोहन गुप्ता, डिप्टी एसपी सिविल लाइंस इंदु सिद्धार्थ व अन्य कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। मौके पर पहुंचकर किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। प्रश्न उठता है कि विद्या के मंदिर में ऐसा आक्रोश उपजा क्यों? छात्राओं का इस तरह उत्पात करना और सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचना जायज नहीं कहा जा सकता। इस हंगामे के पीछे कौन है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।