मुंबई। मुंबई की एक विशेष अवकाशकालीन अदालत ने शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख की 9 दिन की और हिरासत का अनुरोध किया। लेकिन अदालत ने जांच एजेंसी की याचिका को खारिज कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने सोमवार देर रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद देशमुख को गिरफ्तार किया था। एक अदालत ने मंगलवार को उन्हें 6 नवंबर तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था। ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद देशमुख को विशेष अदालत के सामने पेश किया गया। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया था। इसी आधार पर बाद में देशमुख और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया।
ईडी ने सीबीआई द्वारा 21 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद देशमुख और उनके साथियों के विरुद्ध जांच शुरू की थी। सीबीआई ने देशमुख पर भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी का आरोप है कि देशमुख ने राज्य का गृहमंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपए से अधिक एकत्रित किए। ईडी ने मामले में 2 अन्य व्यक्तियों संजीव पलांदे और कुंदन शिंदे को भी गिरफ्तार किया है। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं।