जम्मू। कश्मीर के डूरू इलाके के एसडीएम गुलाम रसूल वानी की लिखित शिकायत पर काजीगुंड के एसएचओ ने मारपीट के मामले में सेना के जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। सब डीविजनल मजिस्ट्रेट का आरोप था कि कुछ आर्मी के जवानों ने नेशनल हाइवे पर उनके व उनके कर्मचारियों के साथ हाथापाई की है। इसकी वजह बेहद चौंकाने वाली है।
एसडीएम ने आरोप लगाया है कि कुछ सैन्यकर्मियों ने करीब आधे घंटे तक बंदूक की नोक पर उन्हें और उनके कर्मचारियों को बंधक बनाए रखा। उनकी गाड़ी और अन्य सामानों की जबरन छानबीन की गई। सामानों को क्षतिग्रस्त भी किया गया और चुनावों के डेटा को भी नष्ट किया गया। विरोध करने पर सेना के जवानों ने अपने हथियारों के सेफ्टी लॉक हटाते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि अनंतनाग जिले के डिप्टी कमिश्नर के हस्तक्षेप के बाद ही सेना के जवानों ने उन्हें छोड़ा।
अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि श्रीनगर-काजीगंड राष्ट्रीय राजमार्ग के डलवाछ इलाके में तैनात भारतीय सेना पर चुनाव ड्यूटी में जा रहे एसडीएम को सड़क पर घसीटने और फिर पीटने का आरोप लगाया गया है।
इस घटना से राज्य का राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने घटना को ‘जंगल राज’ करार दिया है। एसडीएम की शिकायत दर्ज कर आरोपों की जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक अनंतनाग के डूरू में तैनात एसडीएम गुलाम रसूल वानी की दक्षिण कश्मीर में सहायक रिटर्निंग अधिकारी बतौर ड्यूटी लगाई गई थी। ड्यूटी पर जाने के दौरान भारतीय सेना के कुछ जवानों से कथित तौर पर उनकी हाथापाई हुई।
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद हाईवे पर सेना के वाहनों के आने-जाने पर सामान्य आवागमन हफ्ते में दो दिन एक बार फिर से रोका जाने लगा है।
पुलिस में की गई शिकायत के अनुसार हाईवे पर ऐसे ही एक ब्लॉकेड के दौरान एसडीएम गुलाम रसूल की जीप पर एसडीएम लिखा होने और जरूरी कागजात होने के बावजूद एक चेक प्वाइंट पर उनके समेत गाड़ी के ड्राइवर संग मारपीट की गई। यह बताने पर भी कि चुनाव ड्यूटी पर जा रहे हैं, तैनात सेना के जवानों ने कथित तौर पर उन्हें सड़क पर घसीटा और फिर मारपीट की। (प्रतीकात्मक चित्र)