Asian Games 2023 : एशियन गेम्स में 4 मेडल जीतने वाली मेरठ की 3 बेटियों ने यह साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं हैं। क्रांति की सरजमीं मेरठ में जहां भी इन पदक विजेता बेटियों ने कदम रखे तो शहरवासियों ने उनको पलकों पर बैठा लिया। इन बेटियों ने अपनी जीत का श्रेय माता-पिता, कोच और सरकार की प्रोत्साहन नीति को दिया है। जीते गए 4 पदकों में से 2 गोल्ड, 1 रजत और 1 कांस्य है।
एशियन गेम में छाने वाली मेरठ की बेटी पारूल चौधरी ने देश को दो मेडल जीतकर गौरवान्वित किया है। उन्होंने 3000 मीटर स्टेपल चेज में रजत और 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। दो पदक जीतने वाली चुनिंदा भारतीयों में से पारूल एक है। मेरठ क्रांतिधरा पर स्वर्ण और रजत पदक विजेता पारूल चौधरी पहुंचीं तो शहरवासियों ने उन्हें फूलमालाओं से लाद दिया, वह भावुक हो गईं। पारूल ने अपने गोल्ड और सिल्वर मेडल गले से उतारकर पिता को पहना दिए।
यह दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोग बेटी-पिता के स्नेह को देखकर अभिभूत हो गए। पारूल के साथ उनके कोच गौरव चौधरी भी थे, पारूल ने एशियाड खेलों में पदक हासिल करके कोच गौरव को गुरु दक्षिणा दी है। पारूल ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि यह दोनों मेडल पिता कृष्णपाल की मेहनत का परिणाम है, उन्होंने दिन-रात मेरे लिए एक कर दिए, यह मेडल उनकी परवरिश का नतीजा है। वहीं पारूल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पदक जीतकर लाने का वादा पूरा किया है।
जेवलिन थ्रोवर में अन्नू रानी ने गोल्ड मेडल अपने नाम करके मेरठ को तोहफा दिया है। अन्नू के पिता बहादुरपुर गांव में काश्तकार हैं। मेरठ की इस होनहार बिटिया अन्नू को गांव में बहादुर बिटिया कहकर पुकारा जाता है। अन्नू अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि उनके समय में खेल के लिए सुविधाएं पर्याप्त नहीं थीं, वह अपने खेतों में लकड़ी के भाले से प्रैक्टिस करते हुए इस मुकाम तक पहुंच गई हैं।
आज लकड़ी के भाले के जरिए उन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का तिरंगा शान से लहराया है। अन्नू का कहना है कि सरकार यदि गांवों में खेलों की सुविधाएं प्रदान करे तो एक से एक प्रतिभा सामने आएंगी। अन्नू को मेरठ में खुली गाड़ी में शहर में घुमाया गया, पुष्प वर्षा की गई। अन्नू ने जनता को अभिवादन करके स्वागत सम्मान के लिए शुक्रिया अदा किया। अन्नू का पूरा गांव और परिवार बेटी की सफलता पर झूम रहा है।
मेरठ की दो बेटियों ने एशियन गेम्स में दो स्वर्ण और एक रजत पदक दिलाया तो वहीं मेरठ की तीसरी बेटी किरण बालियान ने गोला फेंक प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर मेरठ का मान बढ़ाया है। किरण के पिता ट्रैफिक पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं। किरण अपनी माता के साथ प्रैक्टिस के लिए जाया करती थीं, मां-बेटी की अथक मेहनत रंग लाई और किरण ने कांस्य पदक हासिल किया।