मथुरा। अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद के प्रमुख पक्षकार अखिल भारतीय पंच रामानंदी निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास महराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मंदिर का शीघ्र निर्माण शुरू हो जाएगा।
गोवर्धन में शंकराचार्य अधोक्षजानन्द तीर्थ के सानिध्य में आयोजित दो दिवसीय संत सम्मेलन में भाग लेने आए महंत धर्मदास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए ही वे गिर्राजजी की परिक्रमा करने आए हैं। उन्होंने कहा कि कि यहां पर आयोजित संत सम्मेलन का उद्देश्य सकारात्मक है। संतों का मानना है कि वे मंदिर निर्माण जल्दी शुरू कराने में समर्थ होंगे।
उनका कहना था कि संत जल्दी ही प्रधानमंत्री से मुलाकात कर यहां पर लिए गए निर्णय से उन्हें अवगत कराएंगे। उन्होंने तर्क दिया कि रामजन्मभूमि का फैसला उनके पक्ष में ही आएगा।
इस प्रकार का आत्मविश्वास प्रकट करने का कारण पूछने पर महंत धर्मदास महराज ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वह भावना के आधार पर विचार नहीं करेंगे और केवल साक्ष्य के आधार पर भूमि पर निर्णय देंगे। इसलिए वे आश्वस्त हैं कि फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में ही होगा। अयोध्या की जिस भूमि को विवादित बना दिया गया है हकीकत यह है कि कागजों में उसका स्वामित्व रामलला के नाम है तथा उनके पास इसके कागजात मौजूद हैं।
शंकराचार्य अधोक्षजानंद तीर्थ ने कहा कि गोवर्धन में संतों का समागम राम मंदिर निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए ही किया गया है। वे मुसलमानों के बड़े प्रतिनिधियों से भी बात कर चुके हैं और उन्हें इस बात के लिए लगभग राजी कर लिए हैं कि अयोध्या में भूमि विवाद का निपटारा राम जन्मभूमि के पक्ष में आने के बाद वे मंदिर निर्माण में सहयोग इस अपेक्षा के साथ करेंगे कि संत मस्जिद निर्माण के लिए रास्ता साफ करेंगे।
उनका कहना था कि मुस्लिम प्रतिनिधियों से हुई बात का अखबार के माध्यम से खुलासा इसलिए नहीं किया कि वे सौहार्द्रपूर्ण संवाद बनाए रखने में विश्वास रखते हैं। धन्ना पीठाधीश्वर मुनीन्द्रदास ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए प्रत्येक धार्मिक स्थल पर विचार विमर्श किया जा रहा है। (वार्ता)