जम्मू। अमरनाथ यात्रा को सकुशल संपन्न करवाने जुटे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के लिए अमरनाथ यात्रा किसी भगीरथ प्रयास से कम नहीं है। आतंकी धमकियां मिलने के बाद इसकी सुरक्षा का भार एक बार उसके कंधे पर क्या आया कि अब हर साल उसकी यह जिम्मेदारी बन चुकी है।
प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने का जिम्मा हर बार की तरह इस बार भी पूरी तरह से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कांधों पर है जिसे अमरनाथ यात्रा के मोर्चे पर दर्जनों अधिक अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करना पड़ेगा।
यह कार्य कोई आसान नहीं है। जम्मू शहर में श्रद्धालुओं के ठहरने के स्थान से लेकर गुफा तक उन्हें पहुंचाने और फिर वापस लौटाने का टास्क कम मेहनत और खतरों से भरा हुआ नहीं है, ऐसा केरिपुब के अधिकारी कहते हैं। बकौल उनके, पहले से ही राज्य में 200 कंपनियां थीं सीआरपीएफ कीं और 174 के करीब अतिरिक्त कंपनियों को भी अन्य राज्यों तथा रिजर्व कोटे से तैनात करने की तैयारी चल रही है।
जम्मू शहर में जहां उनके आधार शिविर और ठहरने के स्थानों को सुरक्षा प्रदान करने का जिम्मा उनका होगा, साथ ही प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को लेकर उनके वाहनों को जम्मू से पहलगाम तक पहुंचाने का जिम्मा भी सीआरपीएफ का है। इसके लिए सीआरपीएफ को 2 सेक्टरों में बांटा जाएगा। जम्मू से रवाना होने वाले एस्कॉर्ट वाहन सिर्फ जवाहर टनल तक जाते हैं और वहीं से वापस आने वालों के जत्थों को लेकर लौटते हैं।
सीआरपीएफ के अधिकारी बताते हैं कि 2 कंपनियां सिर्फ राजमार्ग पर एस्कॉर्ट के कार्य में लगाई जाएंगी। प्रतिदिन इतने श्रद्धालुओं को लेकर पहलगाम तक पहुंचाने और फिर कुशलता के साथ वापस लाने का टास्क कोई आसान कार्य नहीं है, केरिपुब के अधिकारी कहते हैं।
सीरआरपीएफ को जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग और खन्नाबल से पहलगाम तक के राजमार्ग पर तैनात किया गया, जहां सभी हाईवे टाउन में भी उन्हें मोर्चाबंदी करने का आदेश मिला है। आंतरिक सुरक्षा का भार सेना के जिम्मे होगा जिसे राजमार्ग के दोनों ओर मोर्चाबंदी करने के निर्देश मिले हैं।