मुंबई। मुंबई के उपनगरीय इलाके गोवंडी में एक नर्सिंग होम की डॉक्टर ने समय से पूर्व जन्मे एक नवजात शिशु का इलाज करने से इनकार कर दिया क्योंकि बच्चे के माता-पिता पुराने बड़े नोटों का चलन बंद हो जाने के कारण नकद नहीं जमा करा पाए थे। इस घटना के बाद डाक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
नवजात शिशु के पिता जगदीश शर्मा ने इस संबंध में शिवाजीनगर थाने में मामला दर्ज कराया है। आठ नवंबर को शर्मा की गर्भवती पत्नी किरण को सोनोग्राफी समेत कई परीक्षणों के लिए नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वह करीब सात दिसंबर को बच्चे को जन्म देने वाली थी।
अगले दिन नौ नवंबर को किरण को समय से पहले ही प्रसव पीड़ा होने लगी और उसने उसे अस्पताल ले जाने से पहले ही घर में बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद जच्चा-बच्चा को नर्सिंग होम में ले जाया गया।
पुलिस के अनुसार महिला डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज किया लेकिन उसने उसके बाद कहा कि जबतक शर्मा 500 रुपए से कम के नोट से 6000 रुपए जमा नहीं कराएंगे, वह बच्चे का आगे का इलाज नहीं करेगी।
शर्मा के अनुसार उन्होंने 500 रुपए के नोट बदलवाने के लिए कुछ वक्त मांगा लेकिन डॉक्टर ने इनकार कर दिया है और उन्हें वहां से भगा दिया।
शिकायत के अनुसार जच्चा-बच्चे को एक अन्य अस्पताल में ले जाया गया जहां शिशु की हालत बिगड़ गयी एवं इलाज से पहले ही वह मर गया। पुलिस उपायुक्त शाहजी उमप ने कहा कि हमने भादसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। (भाषा)