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'लोकल से ग्लोबल' बन रही PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बनारसी सिल्क की कारीगरी

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वाराणसी (उप्र) , शनिवार, 15 नवंबर 2025 (00:38 IST)
- योगी सरकार के प्रयास से भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में काशी की बनारसी साड़ी बिखेर रही चमक
- एक भारत, श्रेष्ठ भारत की थीम पर हो रहा भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला का आयोजन
- काशी के 29 हस्तशिल्पी व निर्यातकों ने प्रतिभाग के लिए कराया है पंजीकरण
- काशी की बनारसी साड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बना रही पहचान
Varanasi Uttar Pradesh News :
काशी की शान और परंपरा की पहचान बन चुकी बनारसी साड़ी अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने रंग बिखेर रही है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डबल इंजन सरकार की नीतियां न केवल पारंपरिक कलाओं को वैश्विक मंच प्रदान करने का काम कर रही है, बल्कि स्थानीय कारीगरों व हस्तशिल्पियों की आय को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। योगी सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत बनारसी सिल्क की साड़ियां व अन्य परिधानों के रूप में काशी का यह पारंपरिक उत्पाद अब भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में अपनी उच्च गुणवत्तायुक्त बुनकारी की झलक दुनिया को दिखाएगा।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत की थीम पर इस वर्ष भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन 14 से 27 नवम्बर 2025 तक प्रगति मैदान (भारत मंडपम्) में किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस बार उत्तर प्रदेश को पार्टनर स्टेट का दर्जा मिला है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार हस्तशिल्पियों और निर्यातकों को अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर दे रही है। इस भव्य मेले में काशी से कुल 29 हस्तशिल्पियों ने अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने के लिए पंजीकृत कराया है, जिसमें से 17 हस्तशिल्पी नेशनल अवॉर्डी हैं।
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नए बाजारों तक पहुंच हुई सुनिश्चित
जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र के उपायुक्त मोहन कुमार शर्मा ने बताया कि योगी सरकार द्वारा बनारसी साड़ी को ओडीओपी उत्पाद के रूप में शामिल करने तथा जीआई टैग प्रोडक्ट के तौर पर मान्यता दिलाने के बाद काशी के बुनकरों और शिल्पकारों की नए बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। सरकार की यह पहल कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय कला को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाने का माध्यम बन रही है।

भारतीय संस्कृति, परंपरा और शिल्प कौशल का प्रतीक हैं बनारसी साड़ी
वैसे भी, बनारसी साड़ी केवल परिधान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और शिल्प कौशल का प्रतीक बन चुकी है। फिल्म इंडस्ट्री के सितारों से लेकर देश-दुनिया के औद्योगिक घरानों तक, हर कोई इस साड़ी की शान और शिल्प का मुरीद है।
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ऐसे में डबल इंजन सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों और कारीगरों के उत्पाद न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बनाएं। इस दिशा में 'भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2025' काशी के बुनकरों और कलाकारों के लिए एक मील का पत्थर साबित होने का माध्यम बन रहा है।
Edited By : Chetan Gour

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