Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जनता परेशान, बैंकों के बाहर कतारें, एटीएम अब भी हैं बंद...

Advertiesment
हमें फॉलो करें कालाधन
webdunia

संदीपसिंह सिसोदिया

इंदौर/राऊ/महू , शुक्रवार, 11 नवंबर 2016 (12:16 IST)
1,000 और 500 के नोटों पर पाबंदी का असर अब देखने को मिल रहा है। बैंकों के बाहर लोगों की कतारें बढ़ती ही जा रही हैंं, वहीं सरकार के आश्वासन के बाद भी शुक्रवार 11 नवंबर को भी एटीएम बंद दिखाई दिए। इंदौर में तो फिर भी लोगों को 4,000 रुपए तक की राशि मिल रही है लेकिन नकदी और छोटे नोटों का संकट अब इस कदर बढ़ गया है कि इंदौर के उपनगरों जैसे राऊ, पीथमपुर, महू में तो अब अधिकतर बैंकों में 100, 50 और अन्य छोटे नोट भी समाप्त होने लगे हैं। 
 
इसका एक असर यह हो रहा है कि बैंकों के बाहर लगी भीड़ से भी अब सरकार के इस फैसले के विरोध में स्वर सुनाई दे रहे हैं। 
 
8 नवंबर को इस घोषणा का जहां आम आदमी ने इसका भरपूर स्वागत किया था वहीं दो दिन बीतने के बाद इसका नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। भीड़ में बात करने पर लोगों में नाराजगी साफ दिखाई दे रही है। 
यूनियन बैंक की लाइन में सुबह आठ बजे से लगे ट्रांसपोर्टर व्यवसायी गगनदीप सिंह भाटिया का कहना है कि हमारे जैसे छोटे व्यापारियों की मुसीबत हो गई है। हमारा पूरा ही व्यापार नकद पर चलता है और फिलहाल हमें उधार पर ही काम चलाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि रोज के खर्चों के लिए हमेंं पेटीकैश की जरूरत होती है और घर पर भी हमें नकद पैसा तो चाहिए ही। 4 हजार तो हमारी एक दिन की जरूरत भी पूरी नहीं हो सकती। सरकार को इस बारे में भी कुछ सोचना चाहिए।'' 
 
वहींं हताश से दिखाई दे रहे बहुमंजिली इमारत में चौकीदारी का काम करने वाले कैलाश का कहना है कि सेठ ने हमें हमारी 2000 रुपए की मजदूरी 500 के नोटों में दी थी, अब बैंक वाले कहते हैं कि खाता होना जरूरी है और मेरा कहीं भी खाता नहीं। अभी तो इनके पास खाता खोलने की फुरसत ही कहां! हालांकि पास खड़े लोगों ने उन्हें बताया भी कि फिलहाल खाता खोले बिना भी नोट बदले जा रहे हैं तो कैलाश ने बताया कि वो लिख-पढ़ नहीं सकता। 
इसके अलावा भी कई लोगों ने सरकार को कोसते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की। हालांकि ऐसे भी बहुत से लोग मिले, जो इस कदम को दूरगामी बताते हुए कह रहे हैं कि वे कुछ दिन की परेशानी उठाने को तैयार हैं लेकिन बैंकों के लचर कामकाज पर वे भी नाराज दिखाई दिए। 
 
कई विभिन्न क्षेत्रों के बैंकों में कमोबेश यही स्थिति है, वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के आश्वासन के बावजूद कम से कम इंदौर में तो एटीएम अभी तक नहीं खुले हैं। यदि जल्दी ही जनता के पास पैसा न पहुंचा तो स्थिति और भी खराब हो सकती है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शहीद हरेन्द्र यादव पंचतत्व में विलीन