बोस ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित हुए विधेयकों के साथ तकनीकी रिपोर्ट न भेजना और फिर उन्हें मंजूरी न देने के लिए राज्यपाल कार्यालय को दोषी ठहराना एक नियमित प्रक्रिया बन गई है, इससे वह बहुत निराश हैं।
राजभवन के अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल ने अपराजिता विधेयक के साथ तकनीकी रिपोर्ट न भेजने के लिए राज्य प्रशासन की आलोचना की। नियम के अनुसार, विधेयक पर सहमति देने से पहले राज्य सरकार के लिए तकनीकी रिपोर्ट भेजना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि सरकार ने तकनीकी रिपोर्ट नहीं भेजी और फिर विधेयकों को मंजूरी न देने के लिए राजभवन को दोषी ठहराया है। राज्यपाल ने ममता बनर्जी सरकार को इस तरह के महत्वपूर्ण मामलों में तैयारी न करने के लिए भी फटकार लगाई।
राजभवन के अधिकारी ने राज्यपाल बोस के हवाले से कहा कि अपराजिता विधेयक आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश द्वारा पारित इसी प्रकार के विधेयकों की नकल लगता है।
edited by : Nrapendra Gupta