इंदौर। आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज की आत्महत्या को लेकर नए-नए सवाल सामने आ रहे हैं। आत्महत्या से पहले महाराज द्वारा लिखे सुसाइड नोट्स और उनमें उपयोग कागजों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं भय्यू महाराज के अनुयायी भी चाहते हैं कि इस रहस्य से पर्दा जल्द से जल्द उठना चाहिए।
गौरतलब है कि महाराज के पहले सुसाइड नोट में उन्होंने उल्लेख किया था कि मैं बहुत तनाव में दुनिया छोड़ रहा हूं, जबकि दूसरे नोट में उन्होंने अपनी और ट्रस्ट की संपत्ति के लिए विनायक नामक अपने एक सेवक को नामित किया था। विनायक लंबे समय से महाराज से जुड़ा हुआ है।
दअरसल, सवाल इसलिए भी उठना स्वाभाविक है क्योंकि भय्यू महाराज ने जिन डायरियों का सुसाइड नोट के लिए उपयोग किया है, वे दोनों ही अलग-अलग हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराज का जो सुसाइड नोट पहले आया था वह खड़ा यानी वर्टिकल (Vertical) आकार का है जबकि दूसरा पन्ना आड़ा यानी हॉरिजेंटल Horizontal) आकार का है। दूसरे वाले नोट में महाराज के हस्ताक्षर भी नहीं हैं, जबकि पहले वाले में उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं।
दोनों ही पन्नों में अलग-अलग स्याही (पेन) का उपयोग किया गया है। दोनों की ही लिखावट में भी अंतर दिखता है। सवाल यह भी है कि जब भय्यू महाराज ने आत्महत्या का मन बना लिया था और डायरी में खुदकुशी का कारण तनाव लिखा था तो उत्तराधिकार की बात लिखते समय उन्होंने अलग डायरी का उपयोग क्यों किया? वह भी तब जबकि उनकी मन:स्थिति पूरी तरह ठीक नहीं थी।
गौरतलब है कि प्रथम दृष्टया भय्यू महाराज की आत्महत्या की पीछे परिवारिक कलह ही सामने आई है, लेकिन अलग-अलग सुसाइड नोट्स ने नए रहस्यों को जरूर जन्म दे दिया है। हालांकि सच्चाई कुछ भी हो सकती है।
हकीकत तो विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ पाएगी, लेकिन लोगों के मन में सवाल तो उठ ही रहे हैं। इस बीच, महाराज के अनुयायियों की भी यही इच्छा है कि उनकी खुदकुशी के रहस्य से पर्दा जरूर उठना चाहिए।