रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ अधिकारियों, कुछ व्यवसायियों और सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ नेताओं के परिसरों पर छापा मारा। छापों पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह डराने की कोशिश है और चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा यह और बढ़ेंगी।
ईडी ने आज सुबह रायपुर, रायगढ़, महासमुंद, कोरबा समेत अन्य जिलों में छापे की कार्रवाई की। ईडी ने जिन लोगों के परिसरों पर छापा मारा है उनमें एक जिलाधिकारी (कलेक्टर) और सरकार के करीबी कुछ वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसायी और कांग्रेस के नेता शामिल हैं।
बघेल ने कहा कि भाजपा सीधे लड़ नहीं पा रही है इसलिए ईडी, आईटी, डीआरआई के माध्यम से लड़ने की कोशिश कर रही है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह फिर आएंगे, यह आखिरी नहीं है। चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएगा इनकी (जांच एजेंसियों) यात्राएं और बढ़ेंगी। यह डराने धमकाने का काम है, इसके अलावा और कुछ नहीं है।'
बघेल ने कहा, 'यह परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने पहले भी कहा था कि चिटफंड कंपनी में लोगों का 6,500 करोड़ रुपए का पैसा डूब गया? उसपर संज्ञान लें। लेकिन उसमें कुछ नहीं करेंगे। यह डराने की कोशिश कर रहे हैं। यह बार—बार आएंगे, लेकिन जनता जान चुकी है कि भाजपा लड़ नहीं पा रही है इसलिए केंद्रीय एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।'
इससे पहले सितंबर में आयकर विभाग ने राज्य में इस्पात और कोयला व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों के परिसरों पर छापा मारा था।
वहीं, इस साल जून-जुलाई में आयकर विभाग ने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के परिसरों और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में तैनात एक अधिकारी के घर समेत कई जगहों पर तलाशी ली थी।
छापेमारी के बाद तिवारी ने दावा किया था कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि अगर वह राज्य सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करते हैं तो वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta