अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि स्वर्ण मंदिर में कथित रूप से बेअदबी के प्रयास के पीछे 'बड़ी साजिश' है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे इसमें शामिल व्यक्ति ने 'कमांडो ट्रेनिंग' ली हो। धामी ने यह भी दावा किया कि कानून किसी को आत्मरक्षा में हत्या करने की अनुमति देता है।
उन्होंने कहा कि कथित बेअदबी के प्रयास के बाद जब भीड़ ने व्यक्ति की हत्या की तो ऐसा ही हुआ होगा। धामी ने संवाददाताओं से कहा कि साजिश की भनक लगने पर एसजीपीसी कार्यबल ने व्यक्ति को स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करने से रोका लेकिन शाम को कार्यबल के सदस्यों की पाली बदलने के बाद वह व्यक्ति गर्भगृह में घुसने में कामयाब हो गया।
धामी ने कहा कि जिस तरह वह रेलिंग से कूदा और केवल छह सेकंड में वह (बेअदबी का प्रयास) करने में सफल हो गया उससे मुझे लगता है कि उसने कमांडो प्रशिक्षण लिया होगा। इसके पीछे बड़ी साजिश है।
यह पूछे जाने पर कि एसजीपीसी कार्यबल द्वारा पकड़े जाने पर उक्त व्यक्ति को भीड़ ने क्यों मारा, धामी ने कहा कि 'श्रद्धालु इस घटना से काफी आक्रोशित थे।' धामी ने कहा कि व्यक्ति ने एक तलवार उठाई और पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब पर हमला करने वाला था जिसे जीवित वस्तु माना जाता है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी पर हत्या के उद्देश्य से हमला किया जाए तो आत्मरक्षा में वह किसी की हत्या कर सकता है और कानून इसे अपराध नहीं मानता।
धामी ने कहा कि इससे पहले कि कार्यबल के सदस्य कुछ कर पाते, आक्रोशित भीड़ ने व्यक्ति को पीट कर मार डाला। धामी ने कहा कि सच का पता लगाने के लिए एसजीपीसी अपने एक विशेष जांच दल का गठन करेगा।