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पंजाब : गोल्डन टेंपल में बेअदबी की कोशिश की जांच करेगी SIT, 2 दिन में देगी रिपोर्ट

हमें फॉलो करें पंजाब : गोल्डन टेंपल में बेअदबी की कोशिश की जांच करेगी SIT, 2 दिन में देगी रिपोर्ट
, रविवार, 19 दिसंबर 2021 (18:16 IST)
अमृतसर। पंजाब सरकार ने हरमिंदर साहिब में धार्मिक बेअदबी की घटना की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है। एसआईटी 2 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।

इसका नेतृत्व पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) करेंगे। उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री सुखजिंदरसिंह रंधावा मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक बेअदबी की घटनाएं प्रदेश की सांप्रदायिक सद्भभावना व शांति का माहौल खराब करने की साजिश लग रही हैं। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी घटना के एक दिन बाद अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे।

स्वर्ण मंदिर पहुंचे चन्नी : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीतसिंह चन्नी बेअदबी की कोशिश के आरोप में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना के एक दिन बाद स्वर्ण मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री के शहर में पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने की संभावना है।
 
एसजीपीसी को बनाना चाहिए इंटेलिजेंस विंग : रंधावा ने कहा कि कि बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) को अपनी टास्क फोर्स का इंटेलिजेंस विंग भी बनाना चाहिए।
रंधावा ने कहा कि शनिवार शाम को दीवान समय श्री दरबार साहब अमृतसर में श्री गुरु ग्रंथ साहब की अपमान की कोशिश करने वाले व्यक्ति की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है परंतु श्री दरबार साहब की सीसीटीवी कवरेज खंगालने से कई खुलासे हुए हैं। उन्होंने जिला और पुलिस प्रशासन के साथ-साथ शिरोमणि समिति के प्रतिनिधियों के साथ की एक बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि कल शाम ही उन्होंने श्री अकाल तख़्त साहब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिन्दर सिंह धामी के साथ भी बातचीत की थी।
 
रंधावा ने कहा कि उक्त व्यक्ति 11 बजकर 40 मिनट पर ही दरबार साहब परिसर में दाख़िल हुआ था और काफ़ी समय श्री अकाल तख़्त साहब के सामने सोया भी रहा जिसके बाद में उसने न केवल अपमान की कोशिश की बल्कि श्री गुरु ग्रंथ साहब के आगे पड़ी सीरी साहब (कृपाण) भी उठा ली थी। इस तरह यह दोषी लगभग 7 घंटे श्री दरबार साहब के अंदर रहा था।
 
इस मामले में अमृतसर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए और 307 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है और अभी तक श्री दरबार साहब से मिली सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसकी तस्वीरों के आधार पर जांच की जा रही है। पुलिस ने इस दोषी का शव सिविल अस्पताल में रखवा दिया है और उसकी शिनाख़्त को ही मूलभूत कार्य के तौर पर देखा जा रहा है।
 
नहीं हो सकी पहचान : गृह मंत्री ने बताया कि दोषी की पहचान में दिक्कत इसलिए रही है क्योंकि उसके पास से कोई मोबाइल, पर्स और आधार कार्ड समेत अन्य शिनाख्त के सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में यह बात भी सामने आई कि एसजीपीसी को अपनी टास्क फोर्स इंटेलिजेंस विंग भी बनाई जानी चाहिए।
 
उन्होंने इस बात पर चिंता प्रकट की कि कल ही एक ड्रोन मिला जबकि कुछ दिन पहले श्री आनन्दपुर साहब में अपमान की कोशिश की गई और फिर श्री दरबार साहब, अमृतसर के पवित्र सरोवर में श्री गुटका साहब फेंके जाने की घटनाएं घटीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बेअदबी करने वाले लोगों के लिए कम से कम 10 साल की कैद की मांग की है। रंधावा ने कहा कि पंजाब विधानसभा ने 2018 में बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए एक विधेयक पारित किया था, लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है।
 
हरिमंदिर साहिब के मुख्य भवन (सचखंड साहिब) में बेअदबी की घटना को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने निंदनीय बताया है। उन्होंने पुलिस को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि इसके पीछे की साजिश का भी पता चल लगाया जाए, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृति हो सके। मुख्यमंत्री ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष से बात कर पूरा सहयोग देने को कहा है।
 
किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली बार्डर पर निहंग सिखों ने तरनतारन के एक युवक के हाथ-पांव काट कर उसकी हत्या कर दी थी। उस पर भी बेअदबी का आरोप लगाया गया था। श्री हरिमंदिर साहिब में एक बार दो महिलाओं ने टिकटॉक वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर डाल दिया था।

दोनों पर मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी। कुछ दिन पहले रूपनगर जिले में स्थित तख्त श्री केसगढ़ साहिब में भी एक व्यक्ति ने बीड़ी पीकर रागियों पर फेंकी थी। वहीं, फरीदकोट के बरगाड़ी में 2015 में हुई बेअदबी की घटना के बाद बहिबलकलां और कोटकपूरा में धरने में बैठी संगत पर पुलिस ने फायरिंग कर दी थी। इसमें दो युवकों की मौत हो गई थी। इस घटना 2017 के चुनाव में मुख्य मुद्दा बन गई थी। अकाली-भाजपा सरकार को इसकी कीमत सत्ता गंवा कर चुकानी पड़ी थी। (वार्ता)

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