नई दिल्ली। बिक्री में गिरावट का सामना कर रहे भारतीय ऑटो उद्योग को इस अनुमान से राहत मिल सकती है कि अधिकतर ग्राहक अगले 12 महीनों में वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं।
मोबिलिटी आउटलुक के एक सर्वे में यह निष्कर्ष सामने आया है कि करीब 83 प्रतिशत लोगों का अगले एक साल में कोई-न-कोई वाहन खरीदने का मन है। इसके अलावा 13 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे वाहन खरीद सकते हैं और सिर्फ चार प्रतिशत लोगों का ही ऐसा कोई इरादा नहीं है।
कारट्रेड टेक कंपनी के संचालन में काम करने वाले मोबिलिटी आउटलुक के इस सर्वेक्षण में देश भर के करीब 2.7 लाख संभावित उपभोक्ताओं से राय ली गई। इसके मुताबिक वाहन खरीद की पक्की सोच उपभोक्ताओं के कुल खर्च व्यवहार में आए स्वस्थ सुधार को दर्शाती है।
सर्वेक्षण के मुताबिक अधिकतर लोग नए वाहनों की खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं लेकिन पुराने वाहनों के प्रति भी लोगों का झुकाव बढ़ रहा है।
करीब 52 प्रतिशत प्रतिभागियों ने अगले 12 महीनों में एक नई कार खरीदने की मंशा जताई तो 33 प्रतिशत लोग नया स्कूटर या मोटरसाइकल खरीदने की सोच रख रहे हैं। वहीं 13 प्रतिशत लोग पुरानी कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं और पुराना स्कूटर या मोटरसाइकिल खरीदने का मन बना रहे लोगों का अनुपात सिर्फ 3 प्रतिशत है।
सर्वेक्षण के मुताबिक नए वाहन की तुलना में पुराने वाहन का कीमत के हिसाब से अधिक मूल्यवान होने और सस्ता पड़ने से लोग पुराने वाहनों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। हाल के समय में डीलर भी पुराने वाहनों पर न सिर्फ वारंटी की पेशकश कर रहे हैं बल्कि आकर्षक सौदे भी दे रहे हैं। ऐसे में ग्राहकों को लगता है कि वे समान कीमत पर कहीं ऊंची श्रेणी का वाहन ले सकते हैं।
जहां तक वाहनों के लिए निर्धारित बजट का सवाल है तो 49 प्रतिशत लोगों ने महामारी से पहले का बजट ही बनाए रखा है तो 14 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बजट 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। सर्वेक्षण से यह तथ्य भी सामने आया है कि अब भी तीन-चौथाई लोग वाहनों के डीलर से सीधी खरीद करना पसंद करते हैं लेकिन 22 प्रतिशत लोग कुछ समय के लिए लीज पर भी लेने को तैयार हैं।