राजस्थान सरकार ने नकल रोकने के लिए REET के दौरान इंटरनेट बंद कर दिया, लेकिन नकल नहीं रोक पाई। बीकानेर के एक नकल गैंग ने इंटरनेट का उपयोग किए बिना ही नकल का इंतजाम कर दिया। गैंग ने सारे सरकारी इंतजामों का तोड़ निकालते हुए 2 ऐसे डिवाइस बना डाले, जिनसे नकल की जा सके। 25 लोगों को ये डिवाइस डेढ़ करोड़ रुपए में बेची गई। बीकानेर पुलिस ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को ही 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस गैंग का सरगना तुलसीराम कलेरा पहले भी नकल के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
राज्य सरकार के नकल रोकने के सारे प्रयासों के बावजूद बीकानेर के एक नकल गैंग ने इंटरनेट का उपयोग किए बिना ही नकल का इंतजाम कर दिया। बीकानेर पुलिस ने इस मामले में नकल गैंग के कारनामों का बड़ा खुलासा किया है।
पुलिस के अनुसार, गैंग ने इसके लिए 2 प्रकार की डिवाइस तैयार की, दोनों ही डिवाइस मोबाइल की तरह काम करती हैं। इनमें एक डिवाइस छोटे काले रंग की रिमोट जैसी थी, जबकि दूसरी डिवाइस चप्पल में लगाई गई। दोनों ही डिवाइस मोबाइल की तरह काम करती हैं। इनकी कीमत 6 लाख रुपए रखी गई, जो बाजार में आ रहे किसी महंगे मोबाइल से कई गुना ज्यादा है। 25 लोगों को ये डिवाइस डेढ़ करोड़ रुपए में बेची गई।
रिमोटनुमा यह डिवाइस महिलाओं और पुरुषों दोनों को दी गई। दोनों को अपने कपड़ों में इस डिवाइस को विशेष तरीके से बांध कर छुपाना था। पुरुषों को अंडरगारमेंट में इसे छुपाना था। जबकि महिलाओं को इसे छिपाने के लिए सैनिटरी नैपकिन लगाना था।
रिमोट जैसा ये डिवाइस 8 सेमी लंबा और 4 सेमी चौड़ा है। इसमें मोबाइल के सभी उपकरण फिट किए गए। इसे सीधे कॉल से जुड़ना था। इस रिमोट से जुड़ा एक ब्लूटूथ मिनी ईयरफोन अभ्यर्थी को कान में लगाना था। इतना ही नहीं गैंग ने नकल कराने के लिए चप्पल में भी मोबाइल तैयार किए।
ये मोबाइल ब्लूटूथ के जरिए कान में लगे एक ईयरफोन से जुड़ा होता था। इसी रिमोट और चप्पल के जरिए अभ्यर्थियों से नकल कराने वाली गैंग को कनेक्ट होना था, जो सामने से सभी प्रश्नों के उत्तर एक-एक कर बताने वाले थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है गैंग में कई लोग शामिल हो सकते हैं।