मध्यप्रदेश में नकली दवा और रेमडिसिविर इंजेक्शन बेचने वालों को होगी उम्रकैद
जबलपुर में सिटी अस्पताल संचालक और पूर्व विहिप नेता गिरफ्तार
भोपाल। कोरोना संकट काल में नकली दवाओं और इंजेक्शन की बिक्री और कालाबाजारी करने वा करने वालों को उम्रैकद की सजा के साथ उनकी संपत्ति को राजसात कर लिया जाएगा। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आपदा के समय लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों ड्रग माफियाओं पर रासुका की कार्रवाई के साथ वैसी ही कार्रवाई होगी जैसी कार्रवाई प्रदेश में पत्थरबाजों के खिलाफ हुई थी।
मध्यप्रदेश में अब रेमडिसिविर और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने के मामले में 23 लोगों पर रासुका की कार्रवाई की जा चुकी है। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार पूरी सख्ती के साथ नकली दवा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। अभी नकली दवा बेचने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई की जा रही है, लेकिन अब इसे खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के अंतर्गत भी लाया जाएगा जिसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई की जाएगी बल्कि इनकी संपत्ति को भी जब्त कर नेस्तनाबूद किया जाएगा। नकली दवा बेचना जघन्य अपराध है और जो लोग ऐसा करते हैं, उन लोगों के खिलाफ सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रही है। अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है और अस्पतालों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं।
जबलपुर में अस्पताल संचालक गिरफ्तार-उधर प्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडिसिविर बेचने के मामले में पुलिस ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि सरबजीत मोखा विश्व हिंदू परिषद का जबलपुर जिला अध्यक्ष था और सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जबलपुर दौरे से ठीक पहले प्रशासन ने सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
वहीं नकली रेमडिसिविर में विहिप नेता का नाम सामने आने के बाद अब इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना की इस महामारी में मध्यप्रदेश में एक नए तरीके का माफिया सामने आया है वह है रेमडिसिविर माफिया। जिसने इस संकट काल में कई लोगों की जान ले ली। आखिर ऐसे माफियाओं को किसका संरक्षण मिल रहा है।