पटना। बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने गुरुवार को अपने विभाग के अधिकारियों पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे देने की धमकी दी।
यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान सहनी ने कहा कि अधिकारियों की तानाशाही अब उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि ऐसी स्थिति में काम करें इसलिए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे देने का मन बना लिया है।
उन्होंने कहा कि इस पद पर रहकर जब हम कोई काम नहीं कर सकते, किसी गरीब का भला नहीं कर सकते और कोई सुधार का काम नहीं कर सकते तो केवल सुविधाओं को भोगने के लिए मंत्री पद पर बने रहें यह हमें कहीं से अब मुनासिब नहीं लगता इसलिए मंत्री पद से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप देंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से ताल्लुक रखने वाले सहनी ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा तैयार की गई विभागीय अधिकारियों के तबादले एवं पदस्थापन की सूची तीन दिनों से एक विभागीय अधिकारी लेकर बैठे हैं और उसे जारी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों में ऐसा करने की हिम्मत है तो मेरे कुर्सी पर बने रहने का क्या मतलब है। मैं सिर्फ कुछ सुविधाओं का आनंद लेने के लिए मंत्री नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा कि मेरे महकमे में अधिकारी तो छोड़ दीजिए, चपरासी तक मेरी बात नहीं मानते। अफसरों की तानाशाही वर्षों से झेल रहा हूं। इसलिए अब मंत्री पद छोड़ना ही एकमात्र विकल्प है। आज दरभंगा जा रहा हूं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की है, सहनी ने कहा ,उन्हें सब पता है । .. हम ब्लैकमेल करने के लिए इस्तीफा नहीं दे रहे हैं सिस्टम के खिलाफ इस्ताफा दे रहे हैं ।
पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर विधानसभा सीट से जीते सहनी, नीतीश के भरोसेमंद सहयोगी के रूप में जाने जाते हैं और उन्हें इस साल फरवरी में कैबिनेट में शामिल किया गया था।
यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री को वह अपना त्याग पत्र कब सौंपेंगे, सहनी ने कहा कि त्याग पत्र तैयार किया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू में बने रहेंगे, सहनी ने कहा कि पार्टी और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बने रहेंगे और उन्होंने जो पहचान दी है उसे जीवन भर याद रखेंगे ।
यह पूछे जाने पर कि उनके विभाग में जो उनकी बात नहीं सुन रहें हैं, उनको हटा दिए जाने पर क्या वे मान जाएंगे, सहनी ने कहा कि क्या हम मोल-जोल करने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं। उनको हटावें या नहीं हमें जितना कहना था कह दिया हम इस्तीफा देने जा रहे हैं। मंत्री के आरोपों को लेकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।