नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) ने एक रेलवे स्टेशन पर धमाके के संबंध में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतकंवादियों के हैदराबाद स्थित घर में छापेमारी कर आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाले डिजिटल उपकरण तथा दस्तावेज जब्त किए। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पिछले महीने हुए धमाके के संबंध में बुधवार को हैदराबाद से इमरान मलिक उर्फ इमरान खान और उसके भाई मोहम्मद नासिर खान को गिरफ्तार कर किया गया था। प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने न्यू मेलापल्ली में उनके घर की तलाशी ली और अपराध में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न सामग्री तथा डिजिटल उपकरण बरामद किए।
प्रवक्ता ने कहा, आरोपी व्यक्तियों के परिसर से बरामद वस्तुओं में आईईडी बनाने की प्रक्रिया और आईईडी बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री से संबंधित विभिन्न दस्तावेज शामिल हैं।उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद, एनआईए ने कहा था कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादियों द्वारा पूरे भारत में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थे।
आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश में शामली जिले के रहने वाले हैं। एनआईए ने 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर एक पार्सल में हुए विस्फोट की जांच अपने हाथ में ली थी और उसके बाद दोनों उसके निशाने पर थे। जांच से पता चला कि पार्सल सिकंदराबाद में बुक किया गया था और सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस से वहां पहुंचा था।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा था कि अपराध स्थल के दौरे और जांच टीम द्वारा महत्वपूर्ण सुराग हासिल करने के बाद प्रारंभिक जांच और आरोपी व्यक्तियों से पूछताछ में पता चला है कि लश्कर के शीर्ष आतंकवादियों द्वारा भारत भर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए देश से बाहर से साजिश रची गई है।
उन्होंने कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देश पर काम करते हुए गिरफ्तार आरोपियों ने विस्फोटक (आईईडी) को कपड़े के पार्सल में पैक कर ट्रेन में रख दिया। उन्होंने कहा कि इसका मकसद चलती ट्रेन में विस्फोट और आग लगाना था, ताकि बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान होता।
प्रवक्ता ने कहा, नासिर खान वर्ष 2012 में पाकिस्तान गया था और स्थानीय रूप से उपलब्ध रसायनों से आईईडी बनाने के लिए लश्कर के आकाओं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। वह अपने भाई इमरान के साथ कूट वाले संचार मंचों के जरिए लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित आकाओं के संपर्क में था।(भाषा)