पटना। भाजपा ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार में उसके द्वारा समर्थित ज्यादातर उम्मीदवार नगर निकाय चुनाव जीत गए हैं। ऐसे कई उम्मीदवावारों ने भी विभिन्न पदों पर जीत दर्ज की है जिनके बारे में समझा जाता है कि वे सत्तारूढ़ महागठबंधन द्वारा समर्थित हैं।
राज्य के 17 नगर निगम सहित कुल 68 नगर निकायों के चुनाव परिणाम शुक्रवार घोषित कर दिए गए हैं। 1529 पदों में में वार्ड पार्षद के 1423, मुख्य पार्षद 68 और उपमुख्य पार्षद 68 के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। पटना, मुजफ्फरपुर, बेतिया, छपरा, भागलपुर, कटिहार और आरा में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है, जबकि बिहारशरीफ, मुंगेर, बेगूसराय और पूर्णिया में जदयू समर्थित महापौर की जीत हुई है। मोतिहारी में राजद समर्थित प्रत्याशी एवं समस्तीपुर में कांग्रेस की पूर्व नेत्री रहीं अनीता राम विजयी रही हैं।
राजधानी भाजपा समर्थित सीता विजयी : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि राज्य में नगर निकाय चुनाव राजनीतिक दल की तर्ज पर नहीं हुए और किसी उम्मीदवार की जीत को किसी राजनीतिक दल की जीत घोषित नहीं किया जा सकता है। वैसे तो कई स्थानों पर मतों की गिनती अभी चल ही रही है, लेकिन सीता साहू ने पटना नगर निगम की महापौर के रूप में वापसी की है।
भाजपा समर्थित साहू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मजाबी को 18,529 मतों के अंतर से हराया। अन्य उम्मीदवार चंद्रवंशी ने अंजना गांधी को 5,251 मतों से हराकर उपमहापौर का पद जीता। इस बार महापौर और उपमहापौर के पदों के लिए चुनाव सीधे आम जनता के मतों द्वारा किया गया। पहले इन पदों पर वार्ड पार्षद के मतों से लोग निर्वाचित होते थे। कई नेताओं के करीबी रिश्तेदारों ने चुनाव लड़ा जबकि कई ने सत्तारूढ़ या विपक्षी गठबंधन के समर्थन का दावा किया।
नीतीश सरकार को जनता ने नकारा : प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि नगर निकाय के चुनाव का नतीजा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोगों ने बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार को नकार दिया है। पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार, सिवान और सारण समेत कई नगर निगमों में कई भाजपा समर्थित ज्यादातर उम्मीदवार महापौर और उपमहापौर के पद जीत गए हैं।
भाजपा के दावे पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है। चूंकि नगर निकाय चुनाव पार्टी निशान पर नहीं लड़े गए, ऐसे में कोई कैसे किसी व्यक्तिगत उम्मीदवारों की जीत को अपनी जीत बता सकता है। बुधवार को हुए मतदान में राज्य के 23 जिलों में 11,127 उम्मीदवारों का राजनीतिक भाग्य ईवीएम में कैद हो गया था। राज्य में 28 दिसंबर को 23 जिलों में 135 नगर निकायों में 1529 वार्डों समेत 1665 पदों के लिए चुनाव हुए थे। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala