BPSC preliminary exam : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने रविवार को दोहराया कि बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को निर्धारित तिथि पर ही होगी और तारीख को आगे बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं है। बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने कहा, परीक्षा की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को एक पाली, एक पेपर प्रारूप में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा, जब अंतिम तिथि 18 अक्टूबर से बढ़ाकर चार नवंबर की गई थी तो विस्तारित अवधि के दौरान करीब 1.40 लाख अधिक छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था। उनके लिए सर्वर संबंधी कोई समस्या नहीं थी।
बीपीएससी ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया। यह बयान ऐसे समय आया है, जब विरोध प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग की। उनका दावा है कि सर्वर की समस्या के कारण लाखों छात्र फॉर्म नहीं भर पाए। हालांकि आयोग ने मांग को मानने से इनकार करते हुए कहा कि परीक्षा समय पर ही होगी।
संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से ग्रुप ए और बी पदों के लिए भर्ती की जाएगी। राज्य के 925 केंद्रों पर आयोजित होने वाली इस परीक्षा में लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। अध्यक्ष ने कहा, इसे पहले ही 18 अक्टूबर (मूल तारीख) से बढ़ाकर चार नवंबर कर दिया गया था। परीक्षा के लिए 4.83 लाख से ज़्यादा अभ्यर्थी पहले ही आवेदन कर चुके हैं। यह उन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने पहले ही आवेदन कर दिया है।
उन्होंने कहा, परीक्षा के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। केंद्रों पर लगभग 30,000 सीसीटीवी कैमरे और जैमर पहले ही लगाए जा चुके हैं। अध्यक्ष ने कहा, मैं स्पष्ट कर दूं कि बीपीएससी सर्वर में कोई तकनीकी समस्या नहीं थी। जब अंतिम तिथि 18 अक्टूबर से बढ़ाकर चार नवंबर की गई थी तो विस्तारित अवधि के दौरान करीब 1.40 लाख अधिक छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था। उनके लिए सर्वर संबंधी कोई समस्या नहीं थी।
उन्होंने कहा कि अगर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाई गई, तो इसे अप्रैल-मई 2025 तक टाल दिया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया में 5-6 महीने की देरी होगी। उन्होंने कहा, हम जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक परीक्षा केंद्र, निरीक्षक या अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुरक्षित नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कक्षा 10, 11, 12 की अंतिम परीक्षा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कई अन्य परीक्षाएं पहले से ही निर्धारित हैं।
इससे पहले दिन में राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रदर्शनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रति समर्थन व्यक्त किया और परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा, राज्य की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से संबंधित मुद्दों को लेकर चिंतित नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में हो रही चीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं है...छात्रों की मांगों के प्रति बीपीएससी के उदासीन रवैए के खिलाफ लाखों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पटना में बीपीएससी के अभ्यर्थी बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के नियमों में बदलावों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि परीक्षा एक पाली, एक पेपर के प्रारूप में आयोजित की जाए, न कि अंकों के सामान्यीकरण प्रक्रिया का इस्तेमाल करके, जो निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई शिफ्ट में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को समायोजित करती है।
प्रदर्शन के दौरान, कई अभ्यर्थियों को प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रदर्शन करने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया, जबकि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैली हुई थीं कि अभ्यर्थियों के दो लोकप्रिय शिक्षक यूट्यूबर खान सर और मोतीउर रहमान खान (जिन्हें गुरु रहमान के नाम से जाना जाता है) को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि पुलिस ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि दोनों शिक्षकों को हिरासत में नहीं लिया गया है।
रविवार को पटना आए आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने प्रदर्शनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा कथित लाठीचार्ज की निंदा की। उन्होंने कहा, पटना में जिस तरह से प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को पुलिस ने पीटा, वह बेहद निंदनीय है। मेरी पार्टी हमेशा प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में है। हम बीपीएससी और सरकार को उनकी मांगों को कुचलने नहीं देंगे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour