भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले की जांच पर आखिरकार प्रदेश की भाजपा सरकार ने अब ब्रेक लगा दिया। हालांकि कमलनाथ सरकार के समय जांच दोबारा शुरू कर कुछ ही महीनों में 16 एफआईआर दर्ज की गई थीं और अब फाइल ही बंद कर दी गई है।
कांग्रेस सरकार के निर्देश के बाद एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले की जांच शुरू कर 197 पेंडिंग शिकायतों में से 100 को चिह्नित कर लिया था। एसटीएफ ने 3 महीने की जांच के बाद इन्हीं शिकायतों के आधार पर 16 एफआईआर दर्ज की थी।
करीब 500 लोगों को आरोपी बनाया जाना था। इन चिह्नित शिकायतों की जांच में उस समय की तत्कालीन भाजपा सरकार के कई मंत्री, आईएएस, आईपीएस अफसरों के साथ बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम सामने आए थे।
शिवराज सरकार में व्यापमं घोटाले की जांच सबसे पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने शुरू की थी। साल 2013 में व्यापमं घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद सरकार ने एसटीएफ को जांच सौंप दी थी।
वहीं अब कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं करना चाहती है। हम इस जांच को बंद नहीं होने देंगे। अगली विधानसभा में इस मामले को उठाएंगे।