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Chhattisgarh Budget 2024 : साय सरकार ने पेश किया 1.47 लाख करोड़ का बजट, नहीं लगेगा कोई नया कर

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रायपुर , शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2024 (19:17 IST)
  • 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय 22300 करोड़ रुपए प्रस्तावित
  • 18 लाख मकानों के निर्माण के लिए 8369 करोड़ का प्रावधान
  • भूमिहीन मजदूरों को 10000 रुपए की वार्षिक सहायता
Budget of Rs 1.47 lakh crore presented in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1,47,446 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कोई कर प्रस्ताव नहीं है और मौजूदा कर दरों में कोई वृद्धि नहीं है। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल राजस्व अधिशेष 1060 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि यह गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी या ‘ज्ञान’ (जीवाईएएन) की समृद्धि पर केंद्रित है। साथ ही इससे बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी। विष्णु देव साय ने दिसंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। साय नीत भारतीय जनता पार्टी सरकार के पहले बजट में किसी नए कर की घोषणा नहीं की गई। चौधरी ने राज्य को विकासशील से विकसित राज्य बनाने के मकसद से इस साल एक नवंबर को ‘अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @2047’ नाम से एक दस्तावेज लाने की भी घोषणा की।
 
जीएसडीपी को 2028 तक 10 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्‍य : चौधरी ने ‘विजन’ दस्तावेज पर कहा कि इसके तहत पहला मध्यावधि लक्ष्य अगले पांच वर्षों में जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) को पांच लाख करोड़ रुपए से दोगुना करके 2028 तक 10 लाख करोड़ रुपए करना होगा। उन्होंने कहा, बजट गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित है। इससे पूंजीगत व्यय में वृद्धि के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार तथा आजीविका को बढ़ावा देकर बुनियादी ढांचे के विकास को बल मिलेगा।
 
उन्होंने कहा कि बजट ‘मोदी की गारंटी’ के तहत किए गए (चुनाव पूर्व) वादों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्री ने कहा, पिछले पांच वर्षों में पूर्ववर्ती (कांग्रेस) सरकार ने गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के साथ अन्याय किया। न केवल गरीबों से छत का अधिकार छीना गया, बल्कि खाद की कालाबाजारी, दो रुपए प्रति किलोग्राम गोबर की खरीद और 10 रुपए प्रति किलोग्राम में जबरन घटिया खाद (गाय के गोबर से तैयार) बेचने का भी काम किया गया।
 
भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान : मंत्री ने दावा किया कि पूर्ववर्ती सरकार ने महिलाओं को 500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन इसे पूरा करने में विफल रही। उन्होंने कहा, दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके तहत भूमिहीन मजदूरों को 10,000 रुपए की वार्षिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो पिछले साल 7,000 रुपए थी।
 
मंत्री ने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख मकानों के निर्माण के लिए 8,369 करोड़ रुपए, छोटे तथा मझोले किसानों को मजबूत करने के लिए कृषक उन्नति योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपए और जल जीवन मिशन के लिए 4,500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
 
महतारी वंदन योजना के लिए 3000 करोड़ रुपए का प्रावधान : चौधरी ने कहा, राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के लिए 3,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है (जिसके तहत विवाहित महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे)। श्री रामलला दर्शन (अयोध्या धाम दर्शन) के लिए नागरिकों के लिए 35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को मजबूत करने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन योजना लागू की जाएगी।
 
मंत्री ने कहा, रायपुर और भिलाई शहरों को शामिल करते हुए एक राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) की स्थापना की जाएगी। सोलर रूफटॉप, ई-वाहनों को प्रोत्साहन, कुसुम योजना सहित अन्य पर्यावरण अनुकूल योजनाओं को अपनाने के अलावा कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए एक जलवायु कार्य योजना तैयार की जाएगी। चौधरी ने कहा कि ‘इन्वेस्ट छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम के आयोजन के लिए बजट में पांच करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
 
उन्होंने कहा, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कोई कर प्रस्ताव नहीं है और मौजूदा कर दरों में कोई वृद्धि नहीं है। सकारात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप, राज्य के स्वयं के राजस्व में नए कर लगाए बिना या कर दरों में वृद्धि के बिना 22 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
 
वित्त वर्ष 2024-25 में सकल राजकोषीय घाटा 19696 करोड़ रुपए : मंत्री ने सदन को बताया, वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य का सकल राजकोषीय घाटा 19,696 करोड़ रुपए (केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए विशेष सहायता के 3,400 करोड़ रुपए सहित) होने का अनुमान है, जबकि शुद्ध राजकोषीय घाटा 16,296 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो जीएसडीपी का 2.90 प्रतिशत है।
 
चौधरी ने कहा कि यह एफआरबीएम अधिनियम (राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम) में निर्धारित तीन प्रतिशत की सीमा के भीतर है। उन्होंने कहा, वित्त वर्ष 2023-24 में कुल राजस्व अधिशेष 1,060 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील राज्यों में से एक है जो राजस्व अधिशेष की स्थिति बनाए रखता है।
 
मंत्री ने कहा कि 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय 22,300 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो बजट परिव्यय का 15 प्रतिशत है और 2023-24 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। मंत्री ने सदन को बताया कि यह पिछले पांच वर्षों में 12 प्रतिशत के औसत पूंजीगत व्यय से अधिक है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 


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