लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच शुरू हुआ। शोरगुल के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सदन में अपना अभिभाषण पढ़ा।
सुबह 11 बजे विधानमंडल के समवेत सदन की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू हुई। मगर अभिभाषण शुरू होने से पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक बैनर और पोस्टर लेकर सदन के बीचोंबीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। सपा सदस्यों ने गवर्नर गो बैक के नारे लगाए।
इसी शोरगुल के बीच आनंदीबेन पटेल ने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया। करीब सवा घंटे तक पढ़े गए अभिभाषण में उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया। विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां और बैनर थामे हुए थे, जिन पर पुरानी पेंशन की बहाली, कानून-व्यवस्था व छुट्टा पशुओं की समस्या समेत विभिन्न मुद्दों का जिक्र था।
यह राज्य विधानमंडल का बजट सत्र भी है। इसमें आगामी 26 मई को बजट पेश किए जाने की संभावना है।राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि उत्तर प्रदेश में रक्षा गलियारे पर तेजी से काम हो रहा है, प्रदेश में स्वरोजगार को लेकर योजनाओं पर विशेष जोर है, लघु उद्यमों की स्थापना और एमएसएमई पर बल दिया जा रहा है, लखनऊ से गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार ने किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान किया, 20 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गईं, प्रदेश में विमान सेवा बेहतर किए जाने पर काम हुआ, पांच अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों का निर्माण किया गया, जेवर में एशिया का सबसे बड़ा हवाईअड्डा बनाया जा रहा है और रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अहम कदम उठाए गए हैं।
कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और सपा विधायक अब्दुल्ला आजम भी सदन में मौजूद थे। इससे पहले, सपा के वरिष्ठ विधायक आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने विधानसभा की सदस्यता की शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने कक्ष में दोनों को शपथ दिलाई।
आजम खान विभिन्न आरोपों में जेल में बंद होने के कारण शपथ नहीं ले सके थे, जबकि अब्दुल्ला ने भी शपथ नहीं ली थी।(भाषा)
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