जोशीमठ। जोशीमठ में लगातार दूसरे दिन भी बुलडोजर एक्शन संभव नहीं हो पाया है। लोगों के भारी विरोध के बीच होटलों को ध्वस्त नहीं किया गया। भारी विरोध के बीच सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर इसे अंतरिम राहत बताया है। प्रभावितों के साथ बिना मुआवजा होटल तोड़ने का विरोध कर रहे मालिक ने होटल के गेट पर धरना दिया।प्रशासन ने होटल की बिजली काट दी है।
सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि जोशीमठ में अभी तक दो होटल, जो भू-धंसाव के कारण लटक गए हैं, उनको डिस्मेंटल करने का आदेश दिया गया है, क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। इसके अलावा किसी भी भवन को अभी नहीं तोड़ा जा रहा है।
भू-धंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है, जिसमें 50 हजार रुपए घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रुपए आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा। प्रभावित क्षेत्र में कुल खर्च का पूरा आकलन कर सहायता राशि दी जाएगी।
सरकार लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दे रही है। जो लोग किराए के घर पर जाना चाहते हैं उनको 6 महीने तक 4 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।इससे पूर्व उन्होंने हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया कि भू-धंसाव से जो भी यहां पर प्रभावित हुए हैं, उनको मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा।
मार्केट की दर भी हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत आज तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थाई राहत शिविरों में विस्थापित किया है।
Edited By : Chetan Gour