लोकसभा चुनाव में UP में भाजपा की हार के बाद अब CM योगी आदित्यनाथ की अग्निपरीक्षा!
उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होना है उपचुनाव, सपा से है सीधा मुकाबला
सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। 13 सीटों पर भाजपा मात्र दो सीटों पर जीत हासिल कर पाई। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया 10 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहा। ऐसे में अब भाजपा की नजर उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर टिक गई है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। 2019 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा पार्टी इस चुनाव में आधी सीटें ही जीत पाईं। ऐसे में उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ के सामने एक बड़ी अग्निपरीक्षा है।
भाजपा कार्यसमिति की बैठक में मंथन- लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा और उपचुनाव की तैयारी को लेकर रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति की बैठक हुई। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित पार्टी की सीनियर नेता भी शामिल हुए। कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के नेताओं ने मंथन करते हुए हार की समीक्षा की, साथ ही विधानसभा उपचुनाव के लिए आगे की रणनीति बनाई।
कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कहा कि अति आत्मविश्वास ने हमारी अपेक्षाओं को चोट पहुंचाई है। जो विपक्ष पहले हार मान के बैठ गया था, वो आज फिर से उछल-कूद मचा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 और उसके बाद के चुनावों में जितना मत प्रतिशत भाजपा को मिला था, 2024 में भी उतना ही वोट पाने में पार्टी सफल रही है, लेकिन वोटों की शिफ्टिंग और अति आत्मविश्वास ने हमारी अपेक्षाओं को चोट पहुंचाई है।
उन्होंने उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं को बैकफुट पर आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपने अपना काम बखूबी किया है। वहीं भाजपा कार्यसमिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने साफ शब्दों में कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है। उन्होंने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है और बड़ा ही रहेगा।
उपचुनाव में CM योगी आदित्यनाथ की अग्निपरीक्षा- लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी को तगड़ा झटका लगाने के बाद अब 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने एक बड़ी अग्निपरीक्षा है। ऐसें में जब 2027 में विधानसभा चुनाव में होना है, वैसे में एक साथ 10 सीटों पर होना उपचुनाव योगी सरकार के सामने लिटमट टेस्ट की तरह है। यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने डेढ़ दर्जन मंत्रियों को इन सीटों का प्रभारी बना दिया है औरे खुद मुख्यमंत्री इन सभी सीटों की चुनावी बागडोर अपने हाथों में ले ली है। बताया जा रहा है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फ्री हैंड दे दिया है।
रविवार को भाजपा कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 10 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सभी को अभी से सक्रिय होना होगा। सांसद के साथ ही विधायक, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, ब्लाक प्रमुख, चेयरमैन और पार्षद सभी लोग आज से ही 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को इंटरनेट मीडिया पर अति सक्रिय होना होगा और किसी भी प्रकार की अफवाहों का तत्काल खंडन करना होगा। अनुसूचित जाति के महापुरुषों के बारे में भाजपा के विचारों को सबके सामने लाना होगा।
उत्तर प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें प्रयागराज जिले की फूलपुर,अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद की गाजियाबाद,मीरजापुरकी मझवां,मुजफ्फरनगर की मीरापुर, अयोध्या की मिल्कीपुर, मैनपुरी की करहल, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी व कानपुर की सीसामऊ सीट शामिल है। इन सीसामऊ सीट छोड़कर बाकी 9 विधानसभा सीट के चुने गए विधायक अब सांसद बन चुके है, वहीं सीसामऊ सीट पर सपा विधायक को कोर्ट से सजा मिलने के बाद सदस्यता चली गई है।
अगर इन 10 सीटों के सियासी समीकरण को देखा जाए तो यहां भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर होगी। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को पटखनी देने के बाद समाजवादी पार्टी के साथ-साथ इंडिया गठबंधन को हौंसले बुलंद है। वहीं दूसरी भाजपा के सहयोगी दलों ने अब उपचुनाव को लेकर सौदबाजी की राजनीति शुरु कर दी है।
सहयोगी दलों ने बढ़ाया दबाव-10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव मे भाजपा के सहयोगी दलों ने चार सीटों पर चुनाव लड़ने की डिमांड कर दी है। दो सीटों पर निषाद पार्टी और दो सीटों पर राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने उपने उम्मीदवार को चुनाव लड़ाने की बात कह रही है। निषाद पार्टी ने अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट और मिर्जापुर की मंझवा विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी कर रही है। वहीं राष्ट्रीय लोकदल मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।