कानपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा की सिकन्दरा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा और सपा में सीधी टक्कर दिखाई पड़ रही है। भाजपा विधायक मथुरा पाल के निधन से रिक्त हुई 207 सिकन्दरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में सत्तारूढ भाजपा व मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में कड़ी टक्कर है।
हालांकि, कांग्रेस के प्रभाकर पाण्डेय भी जीत के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं लेकिन लड़ाई भाजपा और सपा में ही देखी जा रही है। इस क्षेत्र में कुल 3,08,917 मतदाता हैं। विधानसभा के आम चुनाव 2017 में भाजपा प्रत्याशी मथुरा पाल को 87889, बसपा प्रत्याशी महेन्द्र कटियार बब्लू को 49776 एवं सपा प्रत्याशी सीमा सिंह सचान को 42,010 मत मिले थे।
उपचुनाव में भाजपा ने दिवंगत विधायक मथुरा पाल के पुत्र अमित पाल को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी को विश्वास है कि अमित को सहानुभूति का लाभ भी मिलेगा। आम चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन था लेकिन कांग्रेस ने उपचुनाव में प्रभाकर पाण्डेय को अपना उम्मीदवार घोषित किया हैं। सपा, भाजपा, कांग्रेस के अलावा कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं।
इसी विधानसभा क्षेत्र में बेहमई गांव भी है जहां 1981 में फूलन देवी ने 22 ठाकुरों की हत्या कर दी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का परौंख गांव भी इसी क्षेत्र में हैं।
सिकन्दरा विधानसभा क्षेत्र यमुना और सेंगूर नदी के किनारे स्थित है। पहले यह क्षेत्र कुर्मी बहुल माना जाता था लेकिन नए परिसीमन में भांल, जैसलपुर, दमनपुर, बेहमई, खोजारामपुर, बैना, पिल्होरा, जैनपुर, आकासू, कपासी, मंडेमऊ, ठेनामऊ जैसे राजपूत गांव के शामिल होने से इस क्षेत्र का जातिगत समीकरण बदल गया।
क्षेत्र में राजपूत, कुर्मी, निषाद, कुशवाहा, पाल जाति की आबादी 30 से 45 हजार के बीच है। कोरी व ब्राह्मण जाति भी 15-20 हजार की संख्या में हैं। इस क्षेत्र में निषाद व कश्यप की संख्या 36 हजार से अधिक है।
विधानसभा उपचुनाव के लिए पहले पूर्व सांसद राकेश सिंह सचान की पत्नी सीमा सचान को सपा से उम्मीदवार घोषित किया गया था। बाद में पूर्व ब्लाक प्रमुख पवन कटियार को उम्मीदवार घोषित किया गया।
उन्होंने बतौर सपा प्रत्याशी नामांकन भी कर दिया था लेकिन नामांकन के अंतिम दिन 04 दिसम्बर को फिर से सीमा सचान को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया जिससे सचान व कटियार समर्थकों में मार-पीट भी हो गई और पवन कटियार निर्दल प्रत्याशी के रूप में भी नामांकन पत्र दाखिल कर दिए लेकिन नाम वापसी के अंतिम दिन इनके नाम वापस लिए जाने से सपा को राहत की सांस मिली है।
भाजपा ने अपनी सीट बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेता वहां प्रचार अभियान में जुटे हैं।
योगी ने एक जनसभा भी सम्बोधित किया। सपा भी इसमें पीछे नहीं है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी जी तोड मेहनत कर रहे हैं। (वार्ता)