कोच्चि। व्हीलचेयर पर चलने को मजबूर बीजू वर्गीज ने अपनी इस शारीरिक चुनौती को मजबूती का रूप देते हुए अपने लिए और अपनी तरह के दूसरे लोगों की मदद के लिए कार चलाने की एक अनोखी प्रणाली का निर्माण किया।
केरल सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे 'व्यापार 2017 सम्मेलन' में स्टॉल लगाने वाले करीब 200 प्रदर्शकों में शामिल 44 साल के पुरस्कार विजेता उद्यमी ने अपनी प्रणाली प्रदर्शनी के लिए लगा रखी है।
केरल सरकार ने अपने लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र की झलक दिखाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया है। बीजू द्वारा विकसित प्रणाली व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले लोगों को हस्तचालित ब्रेक, क्लच एवं एक्सलेटर लीवर का प्रयोग कर कार चलाने की सुविधा देता है। इन्हें किसी भी कार के गियर में लगाया जा सकता है।
आयोजकों ने बताया कि 2003 में विकसित की गई और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदित प्रणाली को कार में बिना कोई बदलाव किए गए 15 मिनटों में लगाया जा सकता है और इतनी ही आसानी से हटाया जा सकता है।
इस तरह की एक इकाई की कीमत 15,000 से 30,000 के बीच रखी गई है और यह कीमत व्यक्ति की शारीरिक अशक्तता पर निभर करेगी। वैसे लोग जो यह खर्च वहन नहीं कर सकते, बीजू उनके लिए यह प्रणाली नि:शुल्क लगा देते हैं। बीजू ने कोट्टायम जिले के मुक्कूट्टूतरा में अपने घर के पास एक कार्यशाला में इस प्रणाली का विकास किया। उनके साथ उनके 2 कर्मचारी काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे गर्व महसूस होता है कि मैंने 2,000 से अधिक अशक्त लोगों और साथ ही उनके परिवारों को एक नया जीवन दिया। बीजू 25 साल की उम्र में एक सड़क हादसे का शिकार हुए थे जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई। (भाषा)