आगरा की जामा मस्जिद में 15 अगस्त को ध्वजारोहण और राष्ट्रगान का विरोध करने वाले मुफ्ती के खिलाफ मंटोला थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आगरा पुलिस ने मुफ्ती के खिलाफ राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत 3, 153 B, 505, 505 (1) (B) और 508 धाराओं में केस दर्ज किया है। वहीं केस दर्ज होने के बाद आरोपी मुफ्ती और उसका बेटा फरार हैं।
स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर आगरा की शाही जामा मस्जिद में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष असफाक सैफी व शाही जामा मस्जिद के चेयरमैन असलम कुरैशी ने बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर मस्जिद परिसर में तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गुनगुनाया। मस्जिद परिसर में खुशनुमा माहौल था, तालियों की गड़गड़ाहट और राष्ट्रभक्ति से लबरेज मेहमानों और मौजूद लोगों ने भारत मां के जयकारे भी लगाए थे।
जैसे ही कार्यक्रम के बाद यह सूचना शहर मुफ्ती कुदस खुबेब रूमी को मिली तो उन्होंने इसे तिरंगे को फहराना और राष्ट्रगान करना हराम बता दिया। इतना ही नहीं उन्होंने इस्लामिया एजेंसी के चेयरमैन असलम कुरैशी को फोन पर धमकी भी दी गई है।
आगरा जामा मस्जिद के चेयरमैन असलम कुरैशी के मुताबिक मुफ़्ती कुदस आए दिन उल्टी-सीधी बयानबाजी करते रहते हैं और वे आगरा शहर की फिजां खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के विरोध में धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही आगरा में चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा।
इससे हिंदूवादी संगठनों में रोष पैदा भी देखा जा रहा है। वहीं ऑडियो वायरल होने के बाद असलम कुरैशी की तहरीर पर आगरा पुलिस ने थाना मंटोला में कुदस खुबेब मुफ्ती और उनके हम्मदुल कुदेस पर राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत सेक्शन 3 व धारा 3,153-B,505,505 (1)(b)508 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
आगरा एसएसपी का कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। देश के तिरंगे और राष्ट्रगान का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी आरोपी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।