Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भगवान श्रीकृष्ण को परिवार संग जज के सामने होना पड़ा पेश, 22 साल के बाद भी नहीं खुल सका रिहाई का रास्ता

हमें फॉलो करें भगवान श्रीकृष्ण को परिवार संग जज के सामने होना पड़ा पेश, 22 साल के बाद भी नहीं खुल सका रिहाई का रास्ता

अवनीश कुमार

कानपुर , शनिवार, 20 जुलाई 2024 (09:06 IST)
Case of theft of idols of Lord Krishna, Balram and Radha : कानपुर देहात में थाना शिवली की मालखाने में कैद भगवान श्रीकृष्ण, बलराम व राधा की अष्टधातु की मूर्तियों को 22 साल बाद कड़ी सुरक्षा के बीच सीजेएम कोर्ट में पेश की गई। इस दौरान कोर्ट वादी के बयान दर्ज हुए। लेकिन रिहाई का फरमान जारी नहीं हो सका। वहीं कोर्ट ने बचाव पक्ष की बहस को सुनने के लिए 23 अगस्त की तारीख दी है।

बताते चलें कि कानपुर देहात के शिवली में 21 वर्ष पहले 12 मार्च 2002 को एक प्राचीन मंदिर से 4 चोरों ने भगवान श्रीकृष्ण,बलराम व राधा सहित 5 बेशकीमती अष्टधातु की मूर्तियां चुरा लीं। घटना की रिपोर्ट मंदिर के सर्वराकार ने दर्ज कराई थी। घटना के 7 दिनों के बाद ही पुलिस ने चोरी हुई मूर्तियां बरामद कर 4 चोरों को गिरफ्तार कर लिया।
ALSO READ: कानपुर में कार नाले में गिरी 2 सगे भाइयों समेत 6 लोगों की मौत
सभी चोरों को जेल भेजा गया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही आरोपितों को जमानत मिल गई और जेल से रिहा हो गए। लेकिन प्रभु श्रीकृष्ण कानूनी दांवपेंच में ऐसे उलझे कि अब तक न उनकी रिहाई नहीं हुई और न वो अपने मंदिर में दोबारा पहुंच पाए और 22 वर्षों से शिवली थाने के मालखाने में बन्द है।
ALSO READ: कानपुर में आवारा सांड का आतंक, जिला जज के डिप्टी नाजिर की ली जान
जिसके चलते 22 वर्षों के बाद शुक्रवार को मालखाने की कैद से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान श्रीकृष्ण, बलराम व राधा सहित पांचों  अष्टधातु की मूर्ति को कानपुर देहात की सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान कोर्ट में सुनवाई भी हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुना। लेकिन बचाव पक्ष की बहस पूरी न होने के चलते भगवान की रिहाई का रास्ता खुल नहीं सका। वहीं कोर्ट ने अब 23 अगस्त की तारीख सुनवाई की रखी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गोवा के पास कार्गो कंटेनर शिप में भीषण आग, मुंदरा से श्रीलंका जा रहा था जहाज