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मुख्यमंत्री धामी ने मोदी से भेंट कर उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर दीं शुभकामनाएं

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, मंगलवार, 25 जून 2024 (20:13 IST)
  • धामी ने राज्य हित में लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु अनुमति दिए जाने का किया अनुरोध
  • निर्माण कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में क्षतिपूरक वृक्षारोपण हेतु वन भूमि हस्तांतरण को व्यावहारिक बनाए जाने का किया अनुरोध
  • मानसखंड मंदिर माला मिशन के लिए 1 हजार करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करने का अनुरोध
  • उत्तराखण्ड में प्रस्तावित 3 टनल परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए किया अनुरोध
  • मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को महासू देवता की प्रतिकृति भेंट की
Chief Minister Dhami met PM Modi: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर उन्हें तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का दायित्व संभालने पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश समग्र विकास के नए आयाम प्राप्त कर सम्पूर्ण विश्व में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने में सफल होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महासू मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।
 
प्रधानमंत्री मोदी से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु जल विद्युत परियोजनाएं राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि का मुख्य कारक है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उत्तराखंड को खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की ऊर्जा क्रय करनी पड़ती है, जिससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
 
मुख्यमंत्री ने अलकनंदा, भागीरथी तथा सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति-2 की अंतिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के साथ पुर्नसमीक्षा करने के लिए  प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।
 
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि उत्तराखंड राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में भारत सरकार तथा उनकी एजेंसियों के द्वारा सड़क निर्माण परियोजना को सुचारु रूप से क्रियान्वित किए जाने हेतु क्षतिपूरक वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है, क्योंकि वर्तमान में प्रचलित वन संरक्षण एवं सवंर्धन नियम तथा गाइडलाइन 2023 के अनुसार उपरोक्त प्रयोजन हेतु केवल गैर वन भूमि को आधार बनाया गया है, जिसमें समतुल्य गैर वन भूमि में क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है। इसमें यह भी प्राविधान किया गया है कि राजस्व विभाग के अभिलेख में दर्ज वन भूमि जो वन विभाग के नियत्रंण में नहीं है, में दोगुना वन भूमि पर क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड 67 प्रतिशत वन आच्छादित क्षेत्र है। राज्य के विकास कार्यों के लिए भूमि की उपलब्धता कम है। उत्तराखंड राज्य, अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा एक सामरिक महत्व रखने वाला राज्य है। इसके महत्व के दृष्टिगत राज्य में स्थित वन भूमि में भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों एनएचएआई, बीआरओ, आईटीबीपी, रेलवे एवं सेना विभाग द्वारा सड़क तथा अन्य संरचनाओं के निर्माण में वन संरक्षण एवं सवंर्धन अधिनियम, 2023 के तहत भूमि की अनुपलब्धता के कारण अनुमोदन प्राप्त किए जाने में विलंब हो रहा है। 
 
इस संबंध में मुख्यमंत्री ने पुनः स्पष्ट किया कि उत्तराखंड के विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा कराए जा रहे गैर वानिकी परियोजना हेतु अधिसूचित नियम, 2017 की व्यवस्था को यथावत रखते हुए पूर्व की भांति राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ (आरक्षित एवं संरक्षित वन) में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराए जाने तथा इन सभी प्रयोजन के लिए गतिमान वन भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों पर संबंधित मंत्रालय को अनुमोदन प्रदान करने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध प्रधानमंत्री मोदी से मुख्यमंत्री ने किया है।
 
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिए  Multi Model Logistics Park तथा औद्योगिक विकास हेतु BHEL हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तांतरण का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर, खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के अंतर्गत किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि का मूल्य 410 करोड़ रुपए है तथा सभी एनओसी प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने Integrated Manufacturing Cluster, खुरपिया के अनुमोदन हेतु प्रधानमंत्री से आग्रह किया।
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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि मानसखंड मन्दिर माला मिशन के अंतर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मंदिरों में से 16 मंदिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। इन मंदिर मार्गों को 2 लेन करने और आपसी कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री से 1000 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया।  
 
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिए शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मानसखंड माला मिशन के अंतर्गत  कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। पिथौरागढ़ स्थित सीमांत गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किए जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है।

गुंजी को 'शिव नगरी’ थीम के आधार पर विकसित किए जाने हेतु छह घटक-  कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अंतर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार द्वारा गुंजी तथा आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिए हेली सेवाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु सर्वे कर लिया गया है।
 
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उत्तराखंड में रेल सेवाओं के विस्तार के लिए देहरादून-मसूरी रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय से करवाने के लिए अनुरोध किया। उत्तराखंड में प्रस्तावित ज्योलिकांग-वेदांग 5 किमी, सीपू-तोला 22 किमी और मिलम- लैपथल 30 किमी टनल परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध भी प्रधानमंत्री से किया।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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