नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की कुल आबादी में से 72.87 फीसदी आबादी सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में अपना इलाज करा रही है। यह जानकारी दिल्ली सरकार के सामाजिक-आर्थिक सर्वे के दूसरे भाग की रिपोर्ट में सामने आई है। सरकार की तरफ से नवंबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच यह सर्वे कराया गया था।
सर्वे में राजधानी दिल्ली के वासियों के स्वास्थ्य व इलाज संबंधी सुविधाओं का भी आंकलन किया गया है, जिसमें सामने आया है कि करीब 27.13 फीसदी लोग ही प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराते हैं। रिपोर्ट के अनुसार राजधानी की दो करोड़ आबादी में 2.60 फीसदी आबादी को क्रोनिक (पुरानी) बीमारियां हैं। इस 2.60 फीसदी आबादी में से 50.29 फीसदी पुरुष व 49.71 फीसदी महिलाएं हैं।
क्रोनिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों का वर्गीकरण करने पर 36.33 फीसदी लोगों को डायबिटीज व 21.75 फीसदी लोगों को हृदय संबंधी बीमारी है, जबकि 9.17 फीसदी लोगों को सांस संबंधी बीमारी व 24.28 फीसदी लोगों को गठिया व अन्य प्रकार की बीमारी है।राजधानी के मध्य जिले में डायबिटीज के सर्वाधिक 43.34 फीसदी मरीज हैं, जबकि उत्तर पश्चिमी जिले में हृदय रोग के 26.20 फीसदी मरीज हैं। उत्तरी जिले में सांस रोग के सर्वाधिक 11.56 फीसदी मरीज हैं।
दिव्यांग सर्वे में शामिल लोगों में 0.80 फीसदी लोग किसी न किसी प्रकार से दिव्यांग हैं। कुल दिव्यांग लोगों में 33.43 फीसदी लोगों के पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र है, जिसमें से 50 फीसदी लोग दिल्ली सरकार की आर्थिक सहायता का लाभ ले रहे हैं। वहीं कुल आबादी में 0-5 साल के बच्चों में 77.54 फीसदी बच्चे टीकाकरण में शामिल हो रहे हैं।
69.80 फीसदी लोग करते हैं सार्वजनिक परिवहन का उपयोग : सामाजिक आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में साफ हुआ है कि राजधानी दिल्ली में 69.80 फीसदी लोग बस, चार्टर बस, मेट्रो व सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कार्यालय जाने के लिए करते हैं। निजी कार का इस्तेमाल 0.32 फीसदी लोग करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार राजधानी के 11.15 फीसदी लोग टैक्सी साझा कर, ई- रिक्शा या टैक्सी का उपयोग करते हैं।
राजधानी के 15.44 फीसदी लोग निजी दो पहिया वाहन (मोटरसाइकल या स्कूटर) का उपयोग कार्यालय जाने के लिए करते हैं। राजधानी के तीन जिले में दोपहिया वाहन का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। शाहदरा जिले में 21. 51 फीसदी, पूर्वी जिले में 18.37 फीसदी व पश्चिमी जिले में 16.54 फीसदी लोग निजी दोपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं।
मेट्रो का भी इस्तेमाल बढ़ा : दिल्ली के 10.89 फीसदी लोग मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं। राजधानी की 68.34 फीसदी महिलाएं सार्वजनिक परिवहन (बस) का उपयोग करती हैं, 14.69 फीसदी महिलाएं ऑटो या ई-रिक्शा का उपयोग करती हैं। वहीं 6.78 फीसदी महिलाएं निजी दोपहिया व 6.74 फीसदी महिलाएं मेट्रो से यात्रा करती हैं।