लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार से शुरू गेहूं खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की हिदायत देते हुए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी कि गेहूं खरीद के 72 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खाते में भुगतान किया जाए और प्रत्येक दशा में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ मिलना ही चाहिए।
शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गेहूं खरीद की प्रक्रिया आज से प्रारंभ हो रही है और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो।
उन्होंने 72 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खाते में फसल मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भंडारण गोदाम हों या क्रय केंद्र, कहीं पर भी किसानों को समस्या नहीं होनी चाहिए और हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराने के दिशा-निर्देश के साथ यह भी कहा कि किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो और किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है और राज्य सरकार भी किसानों को इसी दर पर भुगतान कर रही है। पिछले साल 1,975 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं खरीद पर एमएसपी निर्धारित थी, जिसे इस वर्ष सरकार ने 40 रुपए बढ़ा दिया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब तक 148383 से अधिक किसानों ने खुद अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण कराया है और किसानों की सुविधा के लिए कुल 4593 केंद्र खोले गए हैं जिनमें से 3980 केंद्रों पर खरीद शुरू हो गई है। खरीद केंद्रों पर ई-पॉप के माध्यम से उनके अधिकृत प्रतिनिधि किसानों के बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर खरीद कर रहे हैं।(भाषा)