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उत्तराखंड के चार जिलों में बादल फटने से तबाही, आठ घंटे बंद रहा केदारनाथ मार्ग

हमें फॉलो करें उत्तराखंड के चार जिलों में बादल फटने से तबाही, आठ घंटे बंद रहा केदारनाथ मार्ग
उत्तराखंड , शनिवार, 2 जून 2018 (11:46 IST)
फाइल फोटो
देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार को चार जिलों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी और नैनीताल जिलों में बादल फटने से स्थानीय नदी-नालों में उफान आ गया। कई मार्ग बह गए, खेत मलबे से भर गए तथा घरों में पानी घुस गया। मलबे की वजह से केदारनाथ मार्ग भी आठ घंटे बंद रहा। 
 
मौसम के मिजाज को देखते हुए शासन ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ ही पुलिस भी अलर्ट मोड में है।
 
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री के प्रमुख पड़ाव बड़कोट के पास उफनती बरसाती नदी को पार करते हुए माता-पिता और आठ साल की बच्ची बह गई, माता-पिता को बचा लिया गया। आठ वर्षीय सावित्री पुत्री रामसिंह का शव 17 घंटे बाद रेस्क्यू टीम ने गंगटाडी से नाले से बरामद कर लिया। 
 
टिहरी में बादल फटने से बरसाती नदी-नाले उफना गए। इससे खेतों में मलबा भरने के साथ ही एक जगह घराट (पनचक्की) बह गई। कुछ गांवों का संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गया और पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। पौड़ी के थलीसैंण क्षेत्र में दो गोशाला बह गईं। इसमें चार मवेशियों की मौत हो गई।  
 
दूसरी ओर कुमाऊं में नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लाक में बादल फटने से कटमी गजार गांव में खासा नुकसान हुआ। मुसकीत गदेरे (बरसाती नदी) में उफान आने से घरों में पानी घुस गया और खेत मलबे से पट गए। इसके साथ ही रामनगर से जोडऩे वाला मार्ग भी मलबा आने से बंद है।
 
पिथौरागढ़ के जौलजीवी में करीब डेढ़ घंटे जबरदस्त बारिश से गोरी नदी में उफान आ गया। इससे एक दर्जन दुकानों और मकानों में मलबा घुस गया। लखनपुर से जोड़ने वाला मार्ग भी बंद है। 
 
 

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