मुंबई। महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत के एक दिन बाद इसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के साथ भाजपा के गठबंधन, पुलिस तंत्र के इस्तेमाल और 'कचरे जैसी' इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी के कारण उसे जीत मिली।
शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने राज्य के भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को हराया और उत्तरप्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में वोटरों ने भाजपा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को करारी मात दी।
अपने मुखपत्र 'सामना' में शिवसेना ने कहा कि भाजपा को देश की 9 विधानसभा सीटों में से 8 पर धूल चाटनी पड़ी। पार्टी ने कहा कि भाजपा ने देशभर में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव हारे हैं लेकिन पालघर (लोकसभा क्षेत्र) में जीत चुनाव आयोग के साथ (भाजपा के) गठबंधन का नतीजा है।
शिवसेना ने कहा कि पालघर सीट जीत के लिहाज से मुश्किल सीट थी और भाजपा ने जीत के लिए 'साम-दाम-दंड-भेद' की नीति अपनाई। कांग्रेस के पूर्व नेता राजेन्द्र गावित को भाजपा ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने 2,72,782 वोटों से यह उपचुनाव जीता। उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी और शिवसेना उम्मीदवार श्रीनिवास वनगा को 2,43,210 वोट मिले।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने कहा कि भाजपा को पालघर में ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं मिला, जो इसकी हिन्दुत्व की विचारधारा को सूट करता हो? इसलिए कांग्रेस के एक नेता का 'शुद्धिकरण' किया गया और पार्टी में शामिल किया गया। फिर उन्होंने गावित की जीत के लिए (वोटरों को) पैसे बांटे। (भाषा)